…तो आ जाएगा सांसों पर सितम निजी और सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन 200 सिलेंडर ऑक्सीजन की जरूरत वर्तमान में पड़ रही है। ऑक्सीजन सप्लायर के पास अब महज 353 भरे हुए सिलेंडर हैं। इसके अलावा करीब 30.2 केएल का टैंक भरा हुआ है। इस टैंक से 200 सिलेंडर और भरे जा सकते हैं। ऐसे में कुल ऑक्सीजन करीब 550 सिलेंडर के करीब हैं। प्रतिदिन की खपत के हिसाब से देखें तो इससे महज दो दिन ही काम चलेगा। यदि अलवर एवं जयपुर से सप्लाई रुकी तो सांसों पर संकट हो सकता है।
निगरानी को ड्रग इंस्पेक्टर तैनात ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन केवल चिकित्सकीय उपयोग के लिए ही जाए और इसका दुरुपयोग न हो। ऐसे में इसकी निगरानी के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक ड्रग इंस्पेक्टर को तैनात किया है। इसके हलावा चिकित्सकीय दल भी ऑक्सीजन के दुरुपयोग को लेकर लगातार निगेहबानी कर रहे हैं।
अधिकारियों ने देखी उपलब्धता जिले में ऑक्सीजन की कमी की आहट के बीच गुरुवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन बीना महावर एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर केके गोयल ने रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थित ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने यहां ऑक्सीजन की उपलब्धता एवं खपत के संबंध में जानकारी लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। निरीक्षण में सामने आया है कि जिले के पास उपलब्ध ऑक्सीजन से महज दो दिन ही काम चल सकता है। इसके लिए प्रदेश के नोडल अधिकारी से जिले के लिए ऑक्सीजन सप्लाई देने की मांग की है।
ऑक्सीजन की गणित 353 सिलेंडर हैं वर्तमान में सप्लायर के पास 200 सिलेंडर प्रतिदिन की है खपत जिले में 30.2 केएल स्टोरेज की क्षमता का टैंक है सप्लायर के पास 100 सिलेंडर मंगाए हैं अलवर से
550 कुल सिलेंडर ही शेष हैं जिले के पास