केस नंबर एक छुट्टी मिलने के बाद लगा जैसे दूसरा जन्म मिल गया -एक गांव के 34 वर्षीय व्यक्ति ने कोरोना हराने के बाद बताया कि आरबीएम अस्पताल में एडमिट होने के बाद दो बार टेस्ट हुआ। 13 मई 2020 को देर रात छुट्टी दे दी गई, छुट्टी मिलने के बाद जब देर रात घर पहुंचे तो गली में सभी सगे संबंधी इंतजार कर रहे थे, ऐसा लगा मानो कि आपका दोबारा जन्म हुआ है वह सब आपके स्वागत के लिए खड़े हैं। मेरा मानना है अगर आपके परिवार आपके मित्रगण और सगे संबंधी आपके साथ खड़े हो इस बीमारी में तो आपको बहुत बल मिलता है।
केस नंबर दो मरीजों के पास बार-बार फोन आने से तनाव काउंसलिंग में सामने आया कि ज्यादातर मामलों में फोन का तनाव बहुत ज्यादा रहता है। शुरुआती समय में फोन बहुत तनाव देता है क्योंकि अस्पताल, जिला प्रशासन, परिवार, रिश्तेदार और मित्रों के फोन आने शुरू हो जाते हैं और सब का एक ही सवाल होता है कि यह सब कैसे क्यों किस तरह हो गया इत्यादि। बाद में अस्पताल में फोन ही एक माध्यम बनता है जो आप के समय को व्यतीत करने और तनाव से मुक्त करने में भी मददगार साबित होता है।
केस नंबर तीन परिजनों की रिपोर्ट आने तक सांसें अटकी रहीं
रणजीत नगर की रहने वाली व कोरोना को हराने वाली एक महिला ने बताया कि मेरी पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जब तक परिवार और करीबियों के टेस्ट नहीं हुए और उनकी रिपोर्ट नहीं आई तब तक सांसें अटकीं रही। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह अपने आप को छोड़कर परिवार के लिए बेहद तनावपूर्ण रहता है, उस तनावपूर्ण स्थिति में भी परिवार को आपको बहुत बहुत सकारात्मक तरीके से उनका मनोबल बढ़ाना और खुद के मनोबल को कायम रखना सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य होता है।
रणजीत नगर की रहने वाली व कोरोना को हराने वाली एक महिला ने बताया कि मेरी पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जब तक परिवार और करीबियों के टेस्ट नहीं हुए और उनकी रिपोर्ट नहीं आई तब तक सांसें अटकीं रही। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह अपने आप को छोड़कर परिवार के लिए बेहद तनावपूर्ण रहता है, उस तनावपूर्ण स्थिति में भी परिवार को आपको बहुत बहुत सकारात्मक तरीके से उनका मनोबल बढ़ाना और खुद के मनोबल को कायम रखना सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य होता है।
केस नंबर चार लोगों की निगाहें ऐसी होती हैं कि मन घबरा जाता है कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद एक मरीज को बहुत सी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। कई केसों में सामने आया कि मरीज को कितनी तकलीफ उठानी पड़ती है। एक व्यक्ति ने बताया कि एक एंबुलेंस का आना, लोगों का अजीब सी निगाहों से देखना, इस स्थिति में मन घबरा जाता है। कोई भी व्यक्ति कितने भी बड़े मनोबल वाला क्यों ना हो एक बार तो वह टूटता ही है। मरीज के लिए अगर अस्पताल का वातावरण सकारात्मक है तो जल्द स्वस्थ हो सकता है।
इधर, सेवर में निकले सर्वाधिक 15 मरीज, नदबई में आठ जिले में बुधवार को 43 कोरोना संक्रमित और निकले हैं। इनमें भी सेवर में 15 व नदबई में आठ मरीज शामिल हैं। सीएमएचओ डॉ. कप्तान सिंह चौधरी ने बताया कि रिकवर 2850, एक्टिव केस 469, कोविड केयर सेंटर्स पर 218, आरबीएम अस्पताल में 40 भर्ती हैं। बयाना में दो, भुसावर में दो, डीग में एक, कामां में तीन, कुम्हेर में चार, नदबई में आठ, नगर में एक, रूपवास में एक, सेवर में एक, सेवर में 15, रणजीत नगर में दो, कृष्णा नगर में एक, इंद्रा नगर में एक, गणेश नगर में एक, गोपालगढ़ में एक कोरोना संक्रमित निकला है।