पहले दिन हो जाते हैं जरूरी टेस्ट, जिनमें एचआईवी भी शामिल डॉ. भारद्वाज बताते हैं कि जब भी किसी प्रभुजी को अपना घर लाया जाता है तो सबसे पहले प्रमुख जांच की जाती हैं। इनमें मुख्य रूप से सीवीसी, एचआईवी, हैपेटाइटिस, किडनी फंक्शन टेस्ट, लीवर फंक्शन टेस्ट, ब्लड शुगर, यूरिन कंपलीट के साथ 14 से 45 वर्ष तक की किशोरी एवं युवतियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट भी किया जाता है, जो महिला पांच माह से कोरोना पॉजिटिव थी। उसकी पहले ही दिन पता चल गया था कि वह एचआईवी पॉजिटिव भी है। यह जांच कराना अपना घर संस्थान में सामान्य चलन में हैं।
पहली और अंतिम पॉजिटिव बनी महिला अपना घर ने कोरोना संक्रमण काल में प्रभुजी को अपना घर में लेना बंद कर दिया था, लेकिन लोगों की पीड़ा जानने के बाद ऐसे लोगों को भर्ती करना शुरू किया। आरबीएम में अब भर्ती की गई महिला को सबसे पहले 28 अगस्त को अपना घर लाया गया था, जहां उसकी कोरोना और एचआईवी दोनों रिपोर्ट पॉजिटिव आई थीं। इसके बाद भी करीब 11100 प्रभुजी इस कोरोना काल में भर्ती किए गए। यहां बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित पहुंचे। इनमें एक की मौत हो गई थी। बाकी सब ठीक हो गए थे। अब महज एक महिला कोरोना पॉजिटिव बची थी, जो पांच माह सेे संक्रमित थी। अब उसके आरबीएम में भर्ती होने के बाद अपना घर पूरी तरह से कोरोना से मुक्त हो गया है।