नियुक्ति भी संदेह के घेरे में पड़ताल में सामने आया कि सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति एवं सतवास ग्राम सेवा सहकारी समिति में व्यवस्थापक के पद पर रामेश्वर सिंह पुत्र गोपाल सिंह व गामड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति में सुन्दर सिंह पुत्र रामसहाय व्यवस्थापक के पद पर कार्यरत है, जिनकी नियुक्ति भी संदेहास्पद है। सुन्दर सिंह व्यवस्थापक की नियुक्ति वर्ष 2022 के बाद की है, जो नियम विरुद्ध है, क्योंकि सहकारी विभाग के नियमानुसार 31 मार्च 2017 के बाद किसी को भी समिति में व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापक के पद पर नहीं लगाया जा सकता है। इसी प्रकार रामेश्वर सिंह को सुनहरा में फर्जी तरीके से सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के व्यवस्थापकों की स्क्रीनिंग वर्तमान प्रबन्ध निदेशक की ओर से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रकम लेकर की गई है। इन दोनों व्यवस्थापकों में सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड एवं गामड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड की ऑडिट फर्जी रिकॉर्ड के अनुसार अपनी नियुक्ति के लालच में फर्जी तरीके से कराई गई, जबकि इन व्यवस्थापकों के दोनों समितियों में किसी भी समिति व बैंक के दस्तावेजों पर 2022 से पहले हस्ताक्षर नहीं है। इन्होंने ऑडिट रिपोर्ट में फर्जी तरीके से सहायक व्यवस्थापक के रूप में दर्शाया गया है।
फर्जी ऋ ण वितरण की प्रक्रिया आरोप के अनुसार, इन समितियों ने यूपी, हरियाणा और राजस्थान के अन्य जिलों से 800 से अधिक ऐसे व्यक्तियों को सदस्य के रूप में रजिस्टर किया, जो न तो इन समितियों के कार्यक्षेत्र में रहते थे, न ही उनके पास कृषि योग्य भूमि थी। इन सदस्यों को फर्जी तरीके से ऋ ण प्रदान किया गया और बैंक से करोड़ों रुपए की राशि उठाई गई। बताया जा रहा है कि इन सभी सदस्यों को 40 हजार रुपए से कम का ऋ ण नहीं दिया गया, जो कि सामान्य प्रकिया के तहत निर्धारित सीमा से कहीं अधिक था। इस प्रक्रिया में पहले ऋ णमाफी पोर्टल पर इन सदस्यों का नाम फर्जी तरीके से पंजीकरण किया गया। बाद में, जैसे ही ऋ ण स्वीकृत हुआ, उनका नाम पोर्टल से हटा दिया गया। यह सब कुछ एक जटिल योजना के तहत हुआ, जिसमें समिति के व्यवस्थापक, शाखा प्रबंधक और प्रबंध निदेशक ने मिलकर यह फर्जी ऋ ण वितरण किया।
शिकायत के बाद खुलासा कुंवर सिंह एवं सुनहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्य ने इस मामले में कई अधिकारियों को लिखित शिकायत दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, रजिस्ट्रार, जिला कलक्टर, नाबार्ड और आरबीआई जैसे महत्वपूर्ण अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की है। हालांकि रसूख के दबाव में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, इससे यह मामला और भी गंभीर होता जा रहा है।
–दी भरतपुर सैन्ट्रल कॉपरेटिव बैक लिमिटेड भरतपुर की शाखा कामां के तहत आने वाली सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति की शाखा कामां के अन्तर्गत आने वाली सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड सतवास ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड व गांवड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में अनियमित रूप से फर्जी ऋण उठाकर गबन की लिखित मे शिकायत आई थी। इसमें भूमि विकास बैक के सचिव चन्द्रभान पाराशर को सात दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। तब संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र कुमार मीणा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी समिति खंड भरतपुर