scriptऋण में बंदरबांट: यूपी-हरियाणा के लोगों को फर्जकारी कर बांटा 4.5 करोड़ का ऋण | Loan scam: Loan worth Rs 4.5 crore distributed to people of UP-Haryana through fraud | Patrika News
भरतपुर

ऋण में बंदरबांट: यूपी-हरियाणा के लोगों को फर्जकारी कर बांटा 4.5 करोड़ का ऋण

800 से अधिक ऐसे लोगों को किया रजिस्टर, जो समिति के कार्य क्षेत्र से थे बाहर

भरतपुरDec 13, 2024 / 07:17 pm

Meghshyam Parashar

जिले की एक प्रमुख सहकारी बैंक शाखा पर फर्जी ऋ ण वितरण का गंभीर मामला सामने आया है। इसमें 4.5 करोड़ रुपए का ऋ ण गबन कर बांट दिया गया। यह धोखाधड़ी भरतपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की शाखा कामां से जुड़ी तीन ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से की गई, इसमेंसुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड सतवास ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड और गामड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड शामिल हैं। इन समितियों की ओर से कार्य क्षेत्र से बाहर के सदस्यों को फर्जी तरीके से ऋ ण बांटे गए, इससे बैंक और राज्य सरकार को नुकसान हुआ है।
समिति की ओर से कार्य क्षेत्र से यूपी, हरियाणा, नगर, डीग, भरतपुर, पहाड़ी, रूपवास कामां व अन्य समितियों के व्यक्तियों का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराकर बैंक ने फर्जी ऋ ण वितरित किया है, जिन सदस्यों को ऋ ण वितरण करना दिखाया है। यह सभी सदस्य घुमन्तु प्रवृति व समिति कार्यक्षेत्र से बाहर के हैं। इनके पास खेती के लिए जमीन भी नहीं है। बैंक की ओर से इन सदस्यों की फर्जी साख सीमा तैयार कर फर्जी तरीके से व्यवस्थापक ग्राम सेवा समिति लिमिटेड शाखा प्रबन्धक व प्रबंध निदेशक ने आपस में बंदर बांट कर करोड़ों रुपए का बैंक से फर्जी ऋ ण उठाया है। हकीकत यह है कि प्रधान कार्यालय की ओर से नए सदस्यों को ऋ ण देने के लिए 5 से 10 हजार रुपए तक की सीमा निर्धारित की हुई है, जबकि इन तीनों समितियों के करीब 800 सदस्यों को समिति कार्यक्षेत्र के बाहर जाकर किया गया है। ऋ ण राशि फर्जी तरीके से उठाने के लिए पहले तो सदस्य का ऋ ण माफी पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराया गया। सदस्य का ऋ ण स्वीकृत होने पर उस ऋ ण माफी के पोर्टल से उसके रजिस्ट्रेशन को हटा दिया जाता है।
नियुक्ति भी संदेह के घेरे में

पड़ताल में सामने आया कि सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति एवं सतवास ग्राम सेवा सहकारी समिति में व्यवस्थापक के पद पर रामेश्वर सिंह पुत्र गोपाल सिंह व गामड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति में सुन्दर सिंह पुत्र रामसहाय व्यवस्थापक के पद पर कार्यरत है, जिनकी नियुक्ति भी संदेहास्पद है। सुन्दर सिंह व्यवस्थापक की नियुक्ति वर्ष 2022 के बाद की है, जो नियम विरुद्ध है, क्योंकि सहकारी विभाग के नियमानुसार 31 मार्च 2017 के बाद किसी को भी समिति में व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापक के पद पर नहीं लगाया जा सकता है। इसी प्रकार रामेश्वर सिंह को सुनहरा में फर्जी तरीके से सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के व्यवस्थापकों की स्क्रीनिंग वर्तमान प्रबन्ध निदेशक की ओर से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रकम लेकर की गई है। इन दोनों व्यवस्थापकों में सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड एवं गामड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड की ऑडिट फर्जी रिकॉर्ड के अनुसार अपनी नियुक्ति के लालच में फर्जी तरीके से कराई गई, जबकि इन व्यवस्थापकों के दोनों समितियों में किसी भी समिति व बैंक के दस्तावेजों पर 2022 से पहले हस्ताक्षर नहीं है। इन्होंने ऑडिट रिपोर्ट में फर्जी तरीके से सहायक व्यवस्थापक के रूप में दर्शाया गया है।
फर्जी ऋ ण वितरण की प्रक्रिया

आरोप के अनुसार, इन समितियों ने यूपी, हरियाणा और राजस्थान के अन्य जिलों से 800 से अधिक ऐसे व्यक्तियों को सदस्य के रूप में रजिस्टर किया, जो न तो इन समितियों के कार्यक्षेत्र में रहते थे, न ही उनके पास कृषि योग्य भूमि थी। इन सदस्यों को फर्जी तरीके से ऋ ण प्रदान किया गया और बैंक से करोड़ों रुपए की राशि उठाई गई। बताया जा रहा है कि इन सभी सदस्यों को 40 हजार रुपए से कम का ऋ ण नहीं दिया गया, जो कि सामान्य प्रकिया के तहत निर्धारित सीमा से कहीं अधिक था। इस प्रक्रिया में पहले ऋ णमाफी पोर्टल पर इन सदस्यों का नाम फर्जी तरीके से पंजीकरण किया गया। बाद में, जैसे ही ऋ ण स्वीकृत हुआ, उनका नाम पोर्टल से हटा दिया गया। यह सब कुछ एक जटिल योजना के तहत हुआ, जिसमें समिति के व्यवस्थापक, शाखा प्रबंधक और प्रबंध निदेशक ने मिलकर यह फर्जी ऋ ण वितरण किया।
शिकायत के बाद खुलासा

कुंवर सिंह एवं सुनहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्य ने इस मामले में कई अधिकारियों को लिखित शिकायत दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, रजिस्ट्रार, जिला कलक्टर, नाबार्ड और आरबीआई जैसे महत्वपूर्ण अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की है। हालांकि रसूख के दबाव में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, इससे यह मामला और भी गंभीर होता जा रहा है।
दी भरतपुर सैन्ट्रल कॉपरेटिव बैक लिमिटेड भरतपुर की शाखा कामां के तहत आने वाली सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति की शाखा कामां के अन्तर्गत आने वाली सुनेहरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड सतवास ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड व गांवड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में अनियमित रूप से फर्जी ऋण उठाकर गबन की लिखित मे शिकायत आई थी। इसमें भूमि विकास बैक के सचिव चन्द्रभान पाराशर को सात दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। तब संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र कुमार मीणा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी समिति खंड भरतपुर

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