फ्रॉड कॉल आने पर आप क्या करें
फ्रॉड कॉल आने पर तुरंत थाने में शिकायत करें। अगर कभी कॉल पर पर्सनल जानकारी शेयर करने को कहा जाए तो कभी भी न करें। ऐसे कॉल से सतर्क रहें, इस तरह की किसी भी घटना को साइबर क्राइम पोर्टल- https:// cybercrime. gov. in पर रिपोर्ट करें या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करवाएं। इसके लिए संचार साथी पोर्टल ( https// www. sancharsaath. com/) की ’चक्षु-संदिग्ध धोखाधड़ी संचार रिपोर्ट’ पर शिकायत दर्ज कराएं। कॉल को वेरीफाई करें: आमतौर पर पुलिस, सरकारी एजेंसी और अधिकारी कॉल करके धमकाते नहीं हैं। अगर आपको ऐसा कोई कॉल आता है तो पहले कॉल करने वाले की पहचान वेरीफाई करें। व्यक्तिगत जानकारी कभी न दें: इस तरह के फर्जी कॉल आने पर किसी भी परिस्थिति में अपनी गोपनीय जानकारी नहीं दें, खासतौर पर बैंक खाते, पैन कार्ड या आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी।
कागजात की मांग करें: जब भी इस तरह के आपराधिक केस के आरोप लगाए तो पुष्टि के लिए ऑफिशियल चैनल से जुड़ी सरकारी एजेंसियों या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश करें। 92 यानी पाकिस्तान से आ रहे फ्रॉड कॉल्स
92 पाकिस्तान का कंट्री कोड है, जबकि सभी स्थानीय कॉल भारत का कंट्री कोड 91 से शुरू होता है। वहीं, वॉट्सएप का उपयोग इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि इस पर कॉल रिकॉर्ड नहीं होता है। प्लस 92 के अलावा भी किसी विदेशी नंबर से वॉट्सएप कॉल्स आए तो ऐसी कॉल्स उठाने से बचना चाहिए।
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इन केसों को भी जरूर जानें
केस नंबर एक: डीग के व्यक्ति के पास कॉल आया कि तुहारी बेटी पुलिस कस्टडी में है। उसके पास ड्रग्स मिली है। अब रिपोर्ट दर्ज हो रही है। सेटलमेंट करना है तो ऑनलाइन पेमेंट कर दो। उस व्यक्ति ने बिना घबराए दूसरे फोन से बेटी को कॉल किया तो वह कॉलेज में थी। केस नंबर दो: भरतपुर शहर के राजेंद्र नगर के एक मीडियाकर्मी के पास पाकिस्तानी नंबर से कॉल आया कि उनका बेटा छेड़छाड़ के मामले में थाने में बंद है। मामला रफा-दफा करने 10 लाख रुपए की डिमांड की गई। जब उन्होंने इसे फ्रॉड कहा तो अपशब्द कहते हुए कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।