ये हैं निमोनिया के लक्षण निमोनिया फेंफड़ों में रोगाणुओं के संक्रमण से होता है और पांच वर्ष तक के बच्चों में इसका खतरा अधिक रहता है इसमें खांसी और जुकाम का बढऩा, तेजी से सांस लेना, सांस लेते समय पसली चलना, तेज बुखार आना के साथ झटके आना, खाना-पीना पाना एवं सुस्ती या अत्यधिक नींद आना मुख्य है। ऐसे समय मे बच्चों की विशेष देखभाल की जाए।
निमोनिया से बचाव उपाय घर में धुंआ न होने दें एवं खिड़किया खुली रखें। बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराएं, जन्म के छह माह तक केवल मां का ही दूध पिलाएं, छह माह बाद बच्चे को ऊपरी खाना खिलाएं, पीने के पानी को ढक कर रखें, खाना पकाने एवं खिलाने के पहले तथा शौच के बाद हाथों को साबुन से धोएं, बच्चे के शरीर को ढककर रखें एवं सर्दियों में ऊनी कपड़े पहनाएं और बच्चे का समयानुसार संपूर्ण टीकाकरण कराएं। सीओआईईसी राममोहन जांगिड़ ने बताया कि सांस अभियान के तहत जन जागरुकता गतिविधियां आयोजित कराई जाएंगी, आईईसी सामग्री मुद्रण कराकर सीएचसी-पीएचसी स्तर सहित उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक प्रदर्शित कराकर निमोनिया के लक्षणों एवं बचाव उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।