नहीं भरी गई स्कूल फीस, किताबों के भी लाले माता-पिता का साया सिर से उठने के बाद अब गुडिय़ा पर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी है। गुडिय़ा एसबीके स्कूल में पढ़ती है, लेकिन उसकी अभी तक फीस जमा नहीं हुई है। न ही उसके पास पढऩे को किताब हैं। मंगलवार को गुडिय़ा सहायता की उम्मीद में रंजीत नगर स्थित स्वास्थ्य मंदिर संस्थान पहुंची। यहां उसने आपबीती बताई। इस पर स्वास्थ्य मंदिर के संचालक डॉ. वीरेन्द्र अग्रवाल की ओर से उसे राशन के साथ जरूरत की सामग्री दी और पढ़ाई के लिए किताबें भी दी हैं। डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि यदि कुछ अन्य संस्थाएं आगे आकर इस परिवार की मदद करें तो बच्चों की पढ़ाई, राशन और बिल का इंतजाम हो सकता है। वह बताते हैं कि गुडिय़ा पढऩे में होशियार है। ऐसे में यदि कोई भी व्यक्ति उसकी पढ़ाई का जिम्मा उठाए तो वह अच्छी पढ़ाई कर सकती है।