यह था मामला इस प्रकरण में मथुरा गेट थाने में जेठ के अनुज वधु के साथ छेड़छाड़ किए जाने का मामला दर्ज कराया था। दर्ज कराई रिपोर्ट में वसंत बिहार निवासी 32 वर्षीय विवाहिता ने कहा था कि 25 नवंबर को मेरा जेठ वीरेंद्र सिंह मुझे घर में अकेली पाकर घुस आया और जबरन छेड़छाड़ करने लगा, जब मैंने विरोध किया तो मेरे साथ मारपीट की। वहीं 23 नंवबर को विवाहिता ने अपने भाईयों और भतीजों के सहयोग से अपने पति भागमल पर जानलेवा हमला कर दिया, इस पर पति ने विवाहिता के खिलाफ कुछ दिन पूर्व ही थाना मथुरा गेट में मामला दर्ज कराया था।
देखिए एसपी साहब….थाने और चौकियों में चल रहा रिश्वत का खेल भ्रष्टाचार हर विभाग में जड़ जमा चुका हैं, इसे कोई एक विभाग खत्म नहीं कर सकता है। बल्कि आमजन का भी योगदान जरूरी है, परंतु जिस गति से जिले की पुलिस के बेड़े में भ्रष्टाचार पनप रहा है। उससे इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि भले ही रिश्वत का सिस्टम मजबूत हो रहा है, लेकिन अपराध रोकने को लेकर पुलिस की पकड़ कमजोर हो रही है। कमाई वाले थाने और चौकियों पर पदस्थापन की सिफारिश और राजनेताओं का दवाब पुलिस को कमजोर बना रहा है। ऐसे में अगर पुलिस अधिकारी सिस्टम को यूं ही कमजोर होने देंगे तो आमजन का पुलिस पर विश्वास ही मिट जाएगा।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं भ्रष्ट पुलिस अधिकारी केस नंबर एक 28 जून 2021 को एसीबी अलवर-प्रथम इकाई ने गोपालगढ़ थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह और रीडर सोनिया को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। थाना प्रभारी और रीडर ने परिवादी से मुकदमे में मदद करने के एवज में दस लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। यह मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में छाया था। क्योंकि कार्रवाई के कुछ दिन पहले ही दोनों की रिश्वत लेने की शिकायत जिम्मेदार पुलिस अधिकारी से की गई थी। हालांकि एक राजनेता के दवाब में कार्रवाई नहीं की गई थी।
केस नंबर दो चार फरवरी 2021 कामां उपखंड जुरहरा थाने में दर्ज हुए एक चोरी के मामले में कार्रवाई करने की एवज में जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल सोहनलाल को सात हजार रुपए की रिश्वत लेते दौसा एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था। हैड कांस्टेबल ने आठ हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी।