अभियान के दौरान प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज, चिकित्सा संस्थान, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सैटेलाइट अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिर आदि में 30 प्लस उम्र की महिलाओं की ऑरल, ब्रेस्ट एवं सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग की जाएगी। संभावित मरीजों का रैफर एवं फॉलोअप सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही कैंसर पीडित पाए जाने वाली महिलाओं को आवश्यक उपचार भी उपलब्ध कराया जाएगा। अभियान के दौरान प्रत्येक चिकित्सा संस्थान पर प्रति ओपीडी दिवस कम से कम 30 प्लस उम्र की महिलाओं का 10 प्रतिशत का कैंसर की स्क्रीनिंग की सुनश्चितता करने का लक्ष्य रखा है।
जागरुकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे
अभियान के दौरान कैंसर के प्रति जागरुकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। इसके तहत ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर प्रभात फेरी निकाली जाएंगी। रैली एवं संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। नुक्कड़ नाटक, स्वयं सहायता समूह, गैर सरकारी संगठन एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सामाजिक गतिशीलता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। वहीं सोशल मीडिया, वीडियो एवं पपलेट आदि के माध्यम से भी कैंसर के कारण, लक्षण एवं स्क्रीनिंग के संबंध में जनजागरुकता की जाएगी।
60 प्रतिशत से अधिक मृत्यु का प्रमुख कारण गैर संचारी रोग
डब्ल्यूएचओ एनसीडी कंट्री प्रोफाइल-2014 के मुताबिक सर्वाधिक 60 प्रतिशत से अधिक मृत्यु का प्रमुख कारण गैर संचारी रोग हैं। मृत्यु के शीर्ष चार कारणों में हृदय संबंधी मौत, क्रोनिक श्वसन रोग, मधुमेह के अलावा कैंसर भी प्रमुख है। राजस्थान में कैंसर होने वाली अधिकांश मौतों के लिए तीन कॉमन कैंसर ऑरल, ब्रेस्ट व सर्वाइकल कैंसर जिमेदार हैं। प्रत्येक 6वीं मृत्यु कैंसर के कारण ही होती हैं। विश्व में वर्ष 2020 में 1 करोड़ मृत्यु कैंसर के कारण ही हुईं। आंकड़ों पर गौर करें तो विश्व में 17.9 प्रतिशत, भारत में 9.9 प्रतिशत एवं राजस्थान में 9.3 प्रतिशत मृत्यु कैंसर के कारण ही होती है। कैंसर की प्रीवेलेंस भारत में 2676 प्रति एक लाख एवं राजस्थान में 2624 प्रति एक लाख है। कैंसर की इन्सीडेंस भारत में 1820 प्रति एक लाख एवं राजस्थान में 1805 प्रति एक लाख है।