आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा ने
राजस्थान के 130 सरकारी कॉलेजों का चयन करते हुए उनमें युवा पीढ़ी को तंबाकू और अन्य नशे से दूर रखने और नशा मुक्त समाज का निर्माण करने के लिए नई किरण-नशा मुक्ति अभियान के रूप में संबंधित प्राचार्य को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जारी निर्देशों में कॉलेजों के प्रशिक्षित स्टूडेंट्स नशे की गिरफ्त में आए युवाओं को नई राह दिखाएंगे। इसके लिए स्टूडेंट्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण आदि का कार्य नंवबर महीने में पूरा कर अभियान शुरू करना है।
10 लोगों को नशा मुक्ति केंद्र भिजवाने की जिम्मेदारी
अभियान में प्रशिक्षण के बाद स्टूडेंट्स को कम से कम 10 लोगों को नशा छुड़ाने के लिए प्रेरित करने के साथ उन्हें जिला स्तरीय नशा मुक्ति केंद्र भिजवाने की जिमेदारी भी होगी। जिससे नशे की गिरत में आए लोग नशा मुक्त बन पाएं। साथ ही विद्यालयों में नो-बैग डे के दिन स्कूलों में नशे से नुकसान व दुष्प्रभाव के अलावा नशा मुक्ति की जानकारी को लेकर जागरूक करेंगे।
कॉलेज स्टूडेंट्स को मिलेगा प्रशिक्षण
प्रदेश की चयनित 130 कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देने के लिए संस्थानों में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। जिसमें नशा मुक्ति के अनुभवी विशेषज्ञ, चिकित्सक, संबंधित विषयों के प्रोफेसर्स व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग आदि स्टूडेंट्स को प्रशिक्षित करेंगे। भरतपुर-डीग के ये 4 कॉलेज शामिल
-रामेश्वरी देवी कन्या महाविद्यालय
भरतपुर।
-मास्टर आदित्येंद्र जी राजकीय महाविद्यालय डीग।
-राजकीय महाविद्यालय बयाना।
-राजकीय महाविद्यालय नदबई।
महाविद्यालयों में केंद्रों की स्थापना
चयनित कॉलेजों में नई किरण-नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना के साथ नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। केंद्र के माध्यम से प्रशिक्षित स्टूडेंट्स अभियान में सक्रिय भूमिका का निर्वाह करेंगे। अभियान के दौरान राज्य के प्रत्येक कॉलेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को क्रमबद्ध तरीके से नशा-मुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाना है।