scriptदूध लेने जा रही पांच साल की मासूम को चार श्वानों ने नोंचा, बुरी तरह से घायल, सामने आया वीडियो | A five year old innocent child going to fetch milk was mauled by four dogs, | Patrika News
भरतपुर

दूध लेने जा रही पांच साल की मासूम को चार श्वानों ने नोंचा, बुरी तरह से घायल, सामने आया वीडियो

-अब तक शहर समेत जिलेभर में कुछ महीनों में हो चुकी है तीन बच्चों की मौत, शहर के नदिया मोहल्ले की वारदात, नगर निगम प्रशासन का नहीं ध्यान

भरतपुरSep 24, 2024 / 02:37 pm

Meghshyam Parashar


भरतपुर। शहर में श्वानों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में एक पांच वर्षीय मासूम को चार श्वानों ने मिलकर नोंच डाला। नदिया मोहल्ला निवासी 5 वर्षीय बालिका को घात लगाकर बैठे श्वानों ने हमला कर दिया बालिका को बुरी तरह घायल कर दिया, इसे आरबीएम चिकित्सालय में उपचार के बाद छुट्टी दी गई।

जानकारी के अनुसार नदिया मोहल्ला निवासी सुईता पुत्री कृष्ण मुरारी रविवार शाम साढ़े पांच बजे दूध की थैली लेने जा रही थी। घर से थोड़ी दूरी पर चार श्वान घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही बालिका श्वानों के समीप से निकली तो चार श्वानों ने उस पर हमला बोल दिया। श्वानों ने बालिका को जमीन पर गिरा लिया और उसे काट लिया, इससे वह बुरी तरह से घायल हो गई। बालिका के सिर व कमर पर गम्भीर चोट आई हैं। घायल बालिका के पिता कृष्ण मुरारी ने बताया कि मोहल्ले में श्वानों का आतंक है। मोहल्ले में आठ-10 श्वान हैं, जो कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। इसको लेकर मोहल्ले के लोगों ने कई बार नगर निगम में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की है।
घर से निकलने में डर रहे बच्चे

नदिया मोहल्ले में हुई घटना के बाद बच्चे घर से निकलने में डर रहे हैं। इन घटनाओं के बाद से भरतपुर के लोग स्थानीय प्रशासन से खासे नाराज हैं। आवारा श्वानों की संख्या पर नियंत्रण के लिए सख्त कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। वहीं, इलाके में छोटे बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। इन घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन की ओर से की जा रही व्यवस्था और आवारा श्वानों पर नियंत्रण के दावों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। भले ही भरतपुर नगर निगम और स्थानीय प्रशासन समय-समय पर श्वानों की नसबंदी और उनके संख्या नियंत्रण के दावे करते रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाने में प्रशासन नाकाम साबित हुआ है।
समाधान की राह…

भरतपुर में आवारा श्वानों का यह संकट नया नहीं है, लेकिन हाल की घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि नसबंदी के साथ-साथ आवारा श्वानों को संरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए भी एक व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। भरतपुर में आवारा श्वानों की ओर से किए गए हमलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन और आम जनता दोनों मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएं।

केस नंबर एक: पांच सितंबर 2024 को नदबई तहसील में एक सात वर्षीय बालक पर आवारा श्वानों ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी रही।
केस नंबर दो: 15 अगस्त 2024 को कामां इलाके में एक 6 साल की बच्ची पर कुत्तों ने हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया।

केस नंबर तीन: 20 जुलाई 2024 को हलैना कस्बे में भी एक 8 साल के बच्चे पर हमला किया गया, इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

केस नंबर चार: दिसंबर 2022 में चिकसाना गांव में एक तीन वर्षीय बच्ची पर श्वानों का हमला हुआ, इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। 2023 में बयाना में भी दो बच्चों पर आवारा श्वानों ने हमला किया था।

Hindi News / Bharatpur / दूध लेने जा रही पांच साल की मासूम को चार श्वानों ने नोंचा, बुरी तरह से घायल, सामने आया वीडियो

ट्रेंडिंग वीडियो