जिला मुख्यालय हरदा से 20 किमी दूर स्थित हंडिया में मां नर्मदा का नाभिकुंड है। यह प्राचीन धार्मिक व पौराणिक महत्व का स्थल है। इसके संपूर्ण विकास के लिए इसे नगर परिषद का दर्जा दिलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख धर्म के आस्था के अवशेष मौजूद हैं। मान्यता है कि 18वीं सदी में पूर्व क्षेत्र की राजधानी हंडिया थी, जिसे मराठा शासन में हंडिया से हरदा स्थानांतरित किया था। यहां मुगलकाल में बने वास्तुकला के अवशेष भी हैं।
अभी पुरातात्विक धरोहरों का संरक्षण व सौंदर्यीकरण पुरातत्व विभाग व जिला प्रशासन संयुक्त रूप से कर रहा है। हंडिया का रिद्धनाथ व नेमावर का सिद्धनाथ मंदिर अपने सौंदर्य व वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। राज्य शासन से यह संरक्षित घोषित है। मान्यता है कि इस मंदिर को खुद कुबेर ने बनवाया था। सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह अपने प्रवास के दौरान हंडिया में रुके थे।
प्रस्तावित गांव :
ग्राम हंडिया, हीरापुर, डुमलाय, खेड़ीनीमा, भमोरी, झुगरिया, गुरदिया (वीरान), बागरुल, कुसिया, बेसवां, चौकी, मालपोन, मांगरुल, गवला। जनसंख्या : 20,056 —————————————————
नर्मदा मप्र की जीवन रेखा है। यहां नाभिकुंड है। भगवान रिद्धनाथ—सिद्धनाथ के मंदिर हैं। गौरवशाली इतिहास व पुरातात्विक महत्व का क्षेत्र है। नगर परिषद बनने से क्षेत्र का विकास तेजी से होगा। प्रस्ताव जिला प्रशासन के माध्यम से आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग को भेजा है। हंडिया का नाम नाभिकुंड के कारण नाभिपटनम कराएंगे। सीएम से चर्चा कर जल्द ही मंजूर कराएंगे।
— कमल पटेल, कृषि मंत्री
ग्राम हंडिया, हीरापुर, डुमलाय, खेड़ीनीमा, भमोरी, झुगरिया, गुरदिया (वीरान), बागरुल, कुसिया, बेसवां, चौकी, मालपोन, मांगरुल, गवला। जनसंख्या : 20,056 —————————————————
नर्मदा मप्र की जीवन रेखा है। यहां नाभिकुंड है। भगवान रिद्धनाथ—सिद्धनाथ के मंदिर हैं। गौरवशाली इतिहास व पुरातात्विक महत्व का क्षेत्र है। नगर परिषद बनने से क्षेत्र का विकास तेजी से होगा। प्रस्ताव जिला प्रशासन के माध्यम से आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग को भेजा है। हंडिया का नाम नाभिकुंड के कारण नाभिपटनम कराएंगे। सीएम से चर्चा कर जल्द ही मंजूर कराएंगे।
— कमल पटेल, कृषि मंत्री