बैतूल। गर्मी के दौरान शहर में होने वाली जलसंकट की स्थिति को देखते हुए नगरपालिका ताप्ती की सहायक पहाड़ी नदी पर पानी स्टोरेज के लिए डैम बनाने की योजना पर काम कर रही है। गुड़गांव की एमएसवी इंटरनेशन फर्म को डीपीआर तैयार करने का टेंडर दिया गया है। फर्म ने सर्वे का काम पूरा कर डैम बनाने के लिए लोकेशन तय कर ली है। प्रोजेक्ट की डीपीआर बनने के बाद इस प्रस्ताव को परिषद में रखा जाएगा।
अमृत टू योजनांतर्गत (amrit 2.0 yojana) इस डैम का निर्माण कराया जाना है। नगरपालिका का कहना है कि इस डैम के बनने से भविष्य में नगरपालिका को जलसंसाधन विभाग पर पानी के लिए निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वहीं शहर में भी प्रतिदिन पेयजल सप्लाई हो सकेगी।
यह है योजना
गर्मी में जलसंसाधन विभाग के पारसडोह जलाशय से पानी न लेकर नपा सीधे अपने बनाए डैम से ताप्ती बैराज में पानी ले सकेगी। बारिश के दिनों में इन्हीें सहायक नदियों से ताप्ती नदी में जल प्रवाह बना रहता है। गर्मी आते ही सहायक नदियां सूख जाती हैं। ऐसे में सहायक नदी पर यदि ऊपर की तरफ डैम बनाया जाता है तो गर्मी में डैम के गेट खोलकर ताप्ती बैराज में पानी लिया जा सकता है।
6 एमसीएम हो जाएगी स्टोरेज क्षमता
प्रस्तावित डैम ताप्ती बैराज से दोगुना बड़ा होगा। ताप्ती बैराज की कुल क्षमता 1.50 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) की है। जबकि नया डैम 4 एमसीएम क्षमता का होगा। नगरपालिका ताप्ती बैराज से प्रतिदिन 10 एमएलडी (मिलियन लीटर पर-डे) पानी बैतूल शहर में पेयजल के लिए सप्लाई करती है। इस प्रस्तावित डैम के बनने से नगरपालिका के पानी स्टोरेज की क्षमता 6 एमसीएम के करीब हो जाएगा।
प्रतिदिन संभव हो सकेगी पेयजल की सप्लाई
यदि नपा ताप्ती की सहायक नदी पर डैम बना लेती है तो शहर में पेयजल की सप्लाई रोजाना संभव हो सकेगी, क्योंकि नपा के पास पानी के स्टोरेज की क्षमता बढ़ जाएगी। अमृत टू प्रोजेक्ट को देखते हुए ही नगरपालिका ने शहर में तीन नई टंकियों के निर्माण किया जाना भी पहले से प्रस्तावित कर रखा है जिससे शहर में पेयजल सप्लाई के लिए टंकियों की स्टोरेज कैपेसिटी 80 लाख लीटर की हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर यदि तेजी से काम होता है तो कुछ ही सालों में बैतूल शहर के अंदर भी प्रतिदिन जलप्रदाय किया जाना संभव हो सकेगा।
सर्वे का काम पूरा, डीपीआर तैयार होते ही परिषद में मंजूरी के लिए रखा जाएगा
गुड़गांव की एमएसवी इंटरनेशन फर्म ने ताप्ती की सहायक नदी पर डैम बनाए जाने के लिए सर्वे का काम किया है। सर्वे पूरा हो चुका हैं। डीपीआर तैयार होने के बाद इसे मंजूरी के लिए परिषद में रखा जाएगा। इस डैम के बनने से पानी स्टोरेज की क्षमता बढ़ जाएगी और शहर में प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई भी संभव हो सकेगी।
-महेशचंद्र अग्रवाल, ईई, नगरपालिका बैतूल