थाना के लिए निर्धारित सेटअप के अनुसार आरक्षकों के 30 स्वीकृत पद हैं, लेकिन तैनाती सिर्फ 12 आरक्षकों की हुई है। प्रधान आरक्षकों के 10 स्वीकृत पदों में से मात्र 3 पर नियुक्ति और 4 सब-इंस्पेक्टर की आवश्यकता वाले इस थाने में केवल 1 अधिकारी कार्यरत है। थाना प्रभारी राजकुमार साहू ने कहा कि थाना में जितने स्टाफ है उससे काम चल रहा है ।
जनता की मांग: पुलिस बल और संसाधन बढ़ाए जाएं
क्षेत्र के नागरिकों ने मांग की है कि थानखहरिया थाना में जल्द से जल्द पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए। उनका कहना है कि पर्याप्त पुलिस बल के अभाव में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। प्रशासन से अपील है कि इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए तत्काल समाधान निकालना जरूरी हो गया है। यह देखते हुए आने वाले दिनों में ज्ञापन सौपा जाएगा। श्रवण साहू, विश्वनाथ साहू, रविदास मानिकपुरी, लीलाराम यादव, भीखम, मुकेश विश्वकर्मा, वासुदेव, सेवकराम, योगेश पटेल, भार्गव पटेल ने कहा कि थाना क्षेत्र भी काफी सघन है और क्षेत्र में लगातार अपराध के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए थाना थानखहरिया में स्टाफ को बढ़ाना जरूरी है ताकि क्षेत्र की सुरक्षा सुचारू रूप से संभव हो सके। 60 गांवों की जिमेदारी, लेकिन पुलिस बल की भारी कमी, इससे नुकसान
थानखहरिया थाना लगभग 60 गांवों की
कानून व्यवस्था का दायित्व संभालता है। पुलिस बल की कमी के कारण अपराध नियंत्रण और घटनाओं की जांच दोनों कार्य प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही, पुलिस कर्मियों को राजनेताओं के कार्यक्रमों में ड्यूटी देने के कारण अतिरिक्त दबाव झेलना पड़ता है।
समस्या की ओर ध्यान दिलाया गया पर समाधान नहीं गृहमंत्री विजय शर्मा और स्थानीय विधायक ईश्वर साहू को इस गंभीर समस्या से कई बार अवगत कराया गया है। जनप्रतिनिधियों ने भी पुलिस बल और संसाधनों की कमी दूर करने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
सुरक्षा के लिए आवश्यक है पर्याप्त पुलिस बल
नए कानूनों के तहत पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने का दावा किया गया है, लेकिन मौजूदा पुलिस बल की कमी इस प्रक्रिया में बाधा बन रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि नागरिकों में सुरक्षा का भाव जगाने और अपराधों को रोकने के लिए थाने में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती जरूरी है।