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बस्ती

पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के केस में नया मोड़…पीड़ित पक्ष ने अचानक उठाया यह कदम

मधुमिता हत्याकांड के आरोपी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी बस्ती जिले से एक अपहरण मामले में भी आरोपी थे जिसका मुकदमा न्यायालय में चल रहा है। कोर्ट ने इस मामले में अमरमणि पर सख्त रुख अख्तियार किया हुआ है, लेकिन इस बीच एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में पीड़ित पक्ष अब सुलहनामा दाखिल करना चहता है।

बस्तीJun 22, 2024 / 12:53 pm

anoop shukla

बहुचर्चित राहुल मद्देशिया अपहरण कांड में भगोड़ा घोषित पूर्वमंत्री अमरमणि त्रिपाठी पर अदालत का रुख बेहद सख्त हो गया है। वहीं पीड़ित पक्ष सुलहनामा दाखिल करना चाहता है।

विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए /अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम प्रमोद कुमार गिरि की अदालत ने अपहरण मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि जानबूझकर मामले को विलंबित कर रहा है। अदालत ने पुलिस को आदेश दिया कि वह भगोड़े की प्रदेश भर में संपत्तियों का पता लगा कर अगली सुनवाई 6 जुलाई 24 तक कुर्क कर उसकी आख्या कोर्ट में पेश करे।
पीड़ित ने अधिवक्ता के माध्यम से दाखिल किया सुलहनामा बहुचर्चित अपहरण कांड में नया मोड़ सामने आ गया है। अपहृत किए गए राहुल मद्देशिया ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में सुलहनामा की याचना की है। प्रार्थनापत्र में लिखा गया है कि इस मुकदमे के वादी व राहुल के पिता धर्मराज मद्देशिया की मृत्यु हो चुकी है। हम प्रार्थी की ओर से कोई विवाद नहीं है। अमरमणि की अपहरण में कोई भूमिका नहीं है।
अपहर्ताओं ने अमरमणि का नाम भी नहीं लिया था। इन तथ्यों के आधार पर पूर्व मंत्री अमरमणि से कोई विवाद नहीं है, इसलिए प्रार्थी सुलहनामा चाहता है। उसकी याचना का प्रार्थनापत्र केस की पत्रावली में सम्मिलित किए जाने की अनुमति मांगी है।
बहुचर्चित राहुल मद्देशिया अपहरण कांड में शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामले की विवेचना कर रहे शहर कोतवाल विजय दुबे की ओर से एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रार्थना-पत्र के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/सदर एसडीएम गोरखपुर की आख्या दी गई कि जिसमें बताया गया कि गोरखपुर शहर में अमरमणि के नाम से कोई चल-अचल संपत्ति नहीं मिली है। जो मकान उनके नाम पर बताया जा रहा था, वह शांति देवी पत्नी रमेश चन्द्र चतुर्वेदी के नाम दर्ज है। वहीं जीडीए गोरखपुर की ओर से अभी अमरमणि की संपत्ति के सिलसिले में आख्या नहीं मिली है। जैसे ही प्राप्त होगी, प्रापर्टी को कुर्क करके कुर्की कुलिंदा पेश किया जाएगा।
23 साल पुराना है अपहरण का केस

छह दिसंबर वर्ष 2001 में बस्ती कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर के धर्मराज गुप्त के बेटे का अपहरण हो गया था। तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से पुलिस ने धर्मराज के बेटे को बरामद किया था। इस मामले में पूर्व विधायक समेत नौ लोग आरोपित रहे हैं। इनमें पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ 82 सीआरपीसी और नैनीश शर्मा, शिवम उर्फ रामयज्ञ के खिलाफ कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर केस दर्ज करने का आदेश दिया था।

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