अपना घर में भर्ती के उपरान्त उसकी चिकित्सा एवं सेवाओं का परिणाम रहा की वह तेजी से रिकवर भी होता गया। सोमवार को जब नितिन को लेने महाराष्ट्र के औरंगाबाद से उसके माता पिता आए तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। भगवान ज्ञानदेव एवं गया बाई ने बेटे नितिन को स्वस्थ अवस्था में देखा तो काफ़ी खुश हुए।
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