मनरेगा कनिष्ठ सहायक मंगलराम जाट ने बताया कि शनिवार सुबह छह बजे महिला श्रमिक मनरेगा कार्यस्थल पर पहुंच गई थी। उन्हीं के साथ काबरों का बास निवासी संतरा देवी (32) पत्नी गिरधारी लाल भी रोज की तरह कार्यस्थल पर पहुंची। मैट गुल्लाराम श्रमिकों की हाजिरी कर रहे थे।
इसी दौरान संतरा देवी अचानक बेहोश होकर गिर गई। उसके मुंह से झाग निकलते देख महिला श्रमिकों में अफरा-तफरी मच गई। इस बीच मैट गुल्लराम महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों की मानें तो महिला की मौत हृदयाघात से हुई है।
पहले बधाल फिर रेनवाल पहुंचे, नहीं बची जान
मनरेगा कनिष्ठ सहायक ने बताया कि महिला श्रमिक की तबीयत बिगड़ने पर उसे तुरंत बधाल के राजकीय अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत बिगड़ते देख उसे प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया। इसके बाद मैट व परिजन संतरा देवी को लेकर रेनवाल के सरकारी अस्पताल पहुंचे लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। रेनवाल अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्ट के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। महिला का पति गिरधारीलाल भी मजदूरी करता है और महिला के एक बेटा व एक बेटी है।