सेंधवा नगर के 24 वार्डों में हजारों बीपीएल कार्ड धारकों द्वारा हजारों क्विंटल सरकारी राशन की खपत के मामले में जांच तेज हुई है। स्थानीय प्रशासन घर-घर सर्वे करा रहा है। कई वर्षों बाद शुरू हुई इस गतिविधि से फर्जी गरीबों में हड़कंप मचा है। वहीं नगर के राशन माफिया सकते में है। क्योंकि सरकारी राशन का एक बड़ा हिस्सा माफिया की जेब में भी जा रहा है। अब हर वार्ड में संचालित सरकारी राशन दुकानों के प्रतिमाह आवंटन की जांच की मांग भी उठ रही है।
नगर में शुरू हुए सर्वे के लिए स्टॉफ की कमी देखी जा रही है। क्योंकि नगर में हजारों बीपीएल कार्ड धारी बताए जा रहे है। जिनके भौतिक सत्यापन के लिए एक बड़ी टीम की आवश्यकता है, लेकिन अभी कुछ अधिकारी ही ये काम कर रहे है। इसलिए जांच कब तक खत्म होगी इसको लेकर संशय बरकरार है।
हजारों किलो राशन डकार रहे माफिया
नगर के बीपीएल हितग्राहियों को प्रतिमाह हजारों क्विंटल गेहूं और चावल का आवंटन वितरित किया जा रहा है। बीपीएल और एपीएल कार्ड धारी हजारों हितग्राही योजना का लाभ ले रहे है, लेकिन इसी बीच राशन माफिया भी सक्रिय है। सूत्रों के मुताबिक प्रतिमाह हजारों क्विंटल राशन ब्लैक मार्केट में बिक जाता है, लेकिन इस धांधली को पकड़ने के प्रयास पर्याप्त नहीं होते है। अब जबकि पत्रिका ने मामला उजागर किया है, तो राशन माफिया पर नकेल कसना जरूरी है, ताकि सही हितग्राही तक सरकारी राशन पहुंचे।
भौतिक सत्यापन से मचा हड़कंप
नगर के विभिन्न क्षेत्रों में बीपीएल कार्ड धारी परिवारों का भौतिक सत्यापन एसडीएम अभिषेक शराब द्वारा शुरू कराया गया है। पटवारी सहित अन्य अधिकारी एक-एक घर जाकर सूची के आधार पर सर्वे कर रहे है। सर्वे करने वाले अधिकारी हितग्राही का नाम मुखिया की स्थिति घर की लोकेशन और व्यवसाय के बारे में पूछताछ कर रहे है। रिपोर्ट एसडीएम को सौंपना है। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी। सेंधवा के इतिहास में पहली बार है।