बाड़मेर

Barmer News: मां को बचाने के लिए मिन्नतें करता रहा बेटा, डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप, मौके पर पहुंचे रविंद्र सिंह भाटी

Barmer News: महिला की मौत बाद अस्पताल में विरोध, जांच कमेटी गठित करने के दिए निर्देश, कोतवाली में परिवाद दर्ज

बाड़मेरSep 22, 2024 / 09:04 am

Rakesh Mishra

Barmer News: बाड़मेर जिला अस्पताल की मातृ-शिशु इकाई में स्थित लेबर रूम में उपचार के दौरान एक महिला की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया। महिला की मौत की सूचना मिलने पर समाज के लोग बड़ी संख्या में अस्पताल की मोर्चरी के आगे एकत्रित हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश की।
जानकारी के मुताबिक चौहटन के गोहड़ का तला निवासी दरिया कंवर (50) पत्नी किशनसिंह को अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद भर्ती कर दिया। महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। शनिवार सुबह चिकित्सकों ने जांच में डीएनसी के लिए लिखा था। इस बीच इंजेक्शन लगाने के बाद तबीयत बिगड़ी और महिला की मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में चिकित्सक व पीएमओ मौके पर पहुंच गए।
इसके बाद मृतका का शव बाड़मेर के राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। जहां समाज व परिजनों का विरोध प्रदर्शन के बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम हुआ। पूरे प्रकरण की जांच के लिए पांच सदस्यीय चिकित्सकों की एक जांच कमेटी गठित की गई। इधर, पुलिस ने परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर कोतवाली थाने में परिवाद दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई।

परिवाद दर्ज

महिला की मौत के बाद बड़ी संख्या में समाज के लोग एकत्रित हो गए। समाज के लोगों ने चिकित्सकों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। साथ ही सूचना मिलने पर शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी, एएसपी जसाराम बोस, एसडीएम वीरमाराम, कोतवाल लेखराज समेत पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। समाज के लोगों से समझाइश कर कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। कोतवाल लेखराज ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर परिवाद दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम के बाद जांच करेंगे, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

मोलर प्रेग्रेंसी

चिकित्सकों का दावा था कि महिला मोलर प्रेग्रेंसी से पीड़ित थी। एक माह पहले डीएनसी हुई थी। महिला के पेट दर्द होने पर चिकित्सक खेताराम सोनी से चैकअप करवाया था। इसके बाद खेताराम सोनी ने भर्ती करवा दिया। बेटे ने चिकित्सकों से कहा कि अगर ज्यादा दिक्कत है तो जोधपुर एम्स जाएं, लेकिन चिकित्सक सामान्य होने का हवाला देकर भर्ती कर बैठे।

बेटे का दर्द झलका…

मृतका दरियाकंवर के बेटे नखतसिंह ने बताया कि काफी समय से मां का इलाज चल रहा है। एक माह पहले जांच करवाई थी। शुक्रवार को तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल आए, यहां चिकित्सकों ने जांच के बाद घर भेज दिया। शनिवार फिर तबीयत बिगड़ गई तो दुबारा अस्पताल आए। यहां चिकित्सक ने भर्ती कर दिया, लेकिन उपचार शुरू नहीं किया। सांस की दिक्कत हो गई। मां को बचाने के लिए खूब मिन्नतें मांगी, लेकिन मेरी किसी ने नहीं सुनी और मेरी मां की मौत हो गई। स्टाफ मुझे एक घंटे तक गुमराह करते रहे। जब तबीयत बिगड़ी तो एक इंजेक्शन लगाया और मां की तबीयत और बिगड़ गई।
जब मैंने पूछा कि मां को क्या हो गया है, तब मुझे अंदर नहीं आने दिया और कहा कि जांच करवाकर ले आओ। जब जांच की मनाही हुई तो कहा कि ब्लड लेकर आओ। इसके बाद जब वापस पहुचंता हूं तो बोलते हैं कि खूब कोशिश की गई, लेकिन बचा नहीं पाए। उन्होंने कहा कि सब कुछ सामान्य था, लेकिन डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ की अनदेखी से मां की मौत हुई है। इस दौरान बुजुर्ग पति व बेटा फूट-फूटकर रोने लगे। परिजनों ने सांत्वना देकर शांत करवाया।
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