बता दें कि हमीर सिंह दो बार लगातार जीते हुए प्रत्याशी हैं। सिवाना में भाजपा ने हमीर सिंह भायल को तीसरी बार मौका दिया है। सिवाना आरक्षित सीट से बाहर हुई तो हमीर सिंह पहली बार सामान्य सीट से विधायक बने। हमीरसिंह सिवाना के ही मूल निवासी है और भाजपा से युवावस्था से जुड़े हैं। बता दें कि सिवाना विधानसभा से पैनल में मानवेन्द्रसिंह का नाम नहीं था और यहां से 19 लोग दावेदारी में थे। मानवेन्द्र जैसलमेर से चुनाव लड़ने के लिए तैयारी शुरू कर चुके थे और वहीं से चुनाव लड़ने की इच्छा थी, लेकिन उनको सिवाना से प्रत्याशी घोषित किया गया।
सीट के जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां 17.21 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता हैं, जबकि 8.81 फ़ीसदी अनुसूचित जनजाति के वोटर्स हैं। यह सीट कई दशकों तक एससी वर्ग की रही, लेकिन 2008 के बाद से यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई है। इस सीट पर 1998 के बाद से कांग्रेस जीत दर्ज नहीं कर पाई है। कई बार यह सीट निर्दलीयों के कब्जे में भी रही है।