आपको बता दें कि शिव विधानसभा में 5 बड़े चेहरों के बीच कड़ी टक्कर होने से चुनाव रोचक हो गया है। कांग्रेस से अमीन खान, बीजेपी से स्वरूपसिंह खारा, आरएलपी से जालमसिंह रावलोत को उतारा है। बीजेपी से बागी रविंद्र सिंह भाटी और कांग्रेस से बागी फतेह खान ने तीनों पार्टियों का चुनावी गणित बिगाड़ दिया है। आपको बता दें कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में इतिहास रचने वाले युवा एवं छात्रनेता रविन्द्र सिंह भाटी ने चुनाव से पहले भाजपा की सदस्यता ली थी। वे शिव विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। हालांकि जब भाजपा ने स्वरूपसिंह खारा के टिकट का ऐलान किया तो रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।
गौरतलब है कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के वर्ष 2019 के छात्रसंघ चुनाव के परिणाम खासे मजेदार रहे थे। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रविंद्रसिंह भाटी ने इतिहास रचते हुए अध्यक्ष पद अपने नाम किया था। निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी 1294 वोटों से जीते थे। इसके बाद छात्र हितों को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे। इसी चलते युवाओं में भाटी की खासी लोकप्रियता हो गई।