ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रतियोगी वातावरण तैयार होने के बावजूद इस विद्यालय का 10वीं का परिणाम महज 46 प्रतिशत रहा। वहीं 12वीं कक्षा परिणाम भी खराब ही रहा है। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों सहित विभाग को भी जिम्मेदार बताते हुए तीन सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। जैसार निवासी मंगलाराम ने मंगलवार को दर्जनों ग्रामीणों एवं छात्रों के साथ जिला कलक्टर से रूबरू होकर बताया कि जैसार उमावि में 10वीं कक्षा में अध्ययनरत कुल 61 छात्र-छात्राओं में से महज 28 ही उर्तीर्ण हो पाए। इनमें से भी 11 विद्यार्थी सानुग्रह उर्तीण हुए हैं। साथ ही 12वीं में भी अधिकांश छात्र-छात्राएं अनुतीर्ण हो गए।
स्टाफ भी कम
स्टाफ भी कम
उन्होंने कलक्टर से कहा कि विद्यालय में महज 5 शिक्षक कार्यरत हैं। साथ ही उनमें से कुछ शिक्षक अपने निजी विद्यालय के प्रचार-प्रसार और उसकी बेहतरी में लगे रहते हैं। ऐसे में सरकारी विद्यालय के विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो रहा है। ग्रामीणों ने रिक्त पद भरने, निजी विद्यालय चलाने वाले शिक्षकों को हटाने व शाला प्रबंध समिति को सुचारू बनवाने की मांग रखी। इसके अभाव में उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी। इस मौके पर जैसार ग्राम के मंगलाराम सियाग, दीपक जाखड़, रेखाराम सियाग, लक्ष्मण कड़वासरा, हरलाल कड़वासरा, तिलोक हुड्डा, कंवराराम जाखड़, सरपंच पेमाराम धनदे, हबीब खान, गुसाई प्रजापत, उपसरपंच भूराराम कड़वासरा, तगाराम बेनीवाल सहित दर्जनों ग्रामीण तथा 10वीं में अनुत्तीर्ण विद्यार्थी साथ रहे।