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डीपीसी में मिलेगा फायदावरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पद पर पदोन्नति को लेकर डीपीसी होती है जिसमें स्नातकोत्तर में डिग्री को आधार माना जाता है। पूर्व में नियम था कि स्नातक उत्तीर्ण स्नातकोत्तर में किसी भी विषय में डिग्री प्राप्त कर व्याख्याता के लिए पात्र हो सकता था लेकिन पिछली सरकार ने नियम बनाया कि वहीं वरिष्ठ अध्यापक पात्र होगा जिसने स्नातक के तीन विषयों से संबंधित विषय में ही स्नातकोत्तर किया है। इस नियम से प्रदेश के सैकड़ों वरिष्ठ शिक्षक व्याख्याता बनने से वंचित रह गए। वहीं, डीपीसी भी तीन साल से अटक गई। अब राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम-2021 में संशोधन प्रस्ताव की कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी की है जिस पर अब स्नातक व स्नातकोत्तर में अलग-अलग विषय वाले भी व्याख्याता की पात्रता रखेंगे।
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प्रिंसिपल बनने का रास्ता भी खुला- वहीं, वाइंस प्रिंसिपल से प्रिंसिपल बनने के लिए तीन साल का अनुभव अनिवार्य नियम था जिसे एक बारगी हटा कर शून्य कर दिया है। ऐसे में वर्तमान में जो भी वाइस प्रिंसिपल लगे हुए हैं, वे प्रिंसिपल की पदोन्नति में शामिल होंगे। इस पर प्रिंसिपल के रिक्त पदों पर नियुक्ति होने का रास्ता साफ हुआ है।अब सरकार को चाहिए कि पिछले तीन सत्र से बकाया वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पदोन्नतियों अतिशीघ्र की जाए। इसके अलावा डीपीसी से पूर्व क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयो में व्याख्याता पदों की वितीय स्वीकृति की जानी चाहिए। जिससे कि क्रमोन्नत विद्यालयों में विद्यार्थियों के अध्ययन में फायदा हो सकेगा। प्रमोशन के इंतजार कर रहे शिक्षकों के लिए प्रमोशन के रास्ता खुलेगा। – बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा