नेवाई में निर्माणाधीन 400 केवी का कार्य अंतिम दौर में है। एक लाइन को 220 केवी बालोतरा-बोरानाड़ा को टू-ऑफ करके इसमें कनेक्ट कर ली गई हैं। इसके माध्यम से अन्य जरुरी डेटा का आदान-प्रदान और टेस्टिंग के कार्य 24 घंटे चल रहे है। राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड का 220 केवी क्षमता का जीएसएस पूर्व में बालोतरा में हैं। इसके लिए
बाड़मेर से दो व गिरल, बोरानाड़ा जोधपुर से एक-एक लाइन आती है, लेकिन पचपदरा में 400 केवी का जीएसएस तैयार होने पर यहां अब बालोतरा के लिए दो नई लाईनें आएगी। इससे विद्युत समस्या से राहत मिल जाएगी।
1000 एमवीए की क्षमता
जीएसएस की क्षमता 1000 एमवीए की है। इसके तहत 500-500 एमवीए के उच्चतम वोल्टेज 400/200 केवी के स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। जो समानंतर चलेंगे। इस जीएसएस को विद्युत आपूर्ति के लिए 400 केवी जीएसएस कांकाणी व राजवेस्ट बाड़मेर की लाइन से जोड़ा गया है। इसके अलावा 220 केवी बालेातरा व बोरानाडा से एक-एक लाइन को जोड़ दिया गया है।
शिव जीएसएस का निर्माण प्रगति पर
शिव बाड़मेर जिले के शिव में 220 केवी का जीएसएस स्वीकृत हैं, जिसका काम लंबे समय से काम चल रहा है। इसकी लागत 142 करोड़ है। इसका काम 2016 में शुरू हुआ था, लेकिन मामला न्यायालय में जाने के बाद 2019 में दुबारा स्वीकृति मिली। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया में हुई देरी की वजह से अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है। आरवीपीएन का दावा है कि मई 2025 में जीएसएस शुरू कर दिया जाएगा।