सितम: तीन मंदिरों से हिंदुओं को किया बाहर, 37 लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन रतन दवे बाड़मेर.पाकिस्तान में बहुसंख्यकों की ज्यादती अब असहनीय होने लगी है और लोग सड़कों पर उतर आए है। हफ्तेभर में तीन प्रदशज़्न हो चुके है जिसमें हिन्दू,सिक्ख और इसाई एक साथ पाकिस्तान पे्रस क्लब के कायाज़्लय तक गए है और खुलकर आरोप लगाया कि हिन्दुओं का अब यहां रहना मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद घटनाएं थम नहीं रही है। धमज़् परिवर्तन का दबाव बढ़ाने के लिए यह बदसलूकियां होने लगी है। तीन महीने में सिंध इलाके में 31 लड़कियों का अपहरण हुआ है। पुलिस अव्वल तो मामला दर्ज नहीं करती और यह कहकर निरस्त कर देती है कि मर्जी से मजहब कबूल कर निकाह कर लिया। परेशान हिन्दू परिवार भारत आने लगे है,जैसे ही यह भनक लगती है उनकी संपत्ति को औने-पौने दामों में खरीदने का दबाव बनने लगा है। खबर यह भी है कि संपन्न हिन्दू परिवार भारत और सऊदी अरब में पलायन करने लगे है।
भारत में कर रहे शेयर पाकिस्तान में होने वाली ज्यादती के पहले जहां समाचार ही आते थे अब सोशल मीडिया के जमाने में यहां बसे अपने रिश्तेदारों को विडियो और हर बाद तो शेयर कर रहे है। यहां बसे परिवार उनको भारत आने के लिए कहने लगे है। जिसके लिए कई परिवार तैयार भी है।
भारत सरकार मदद करे पुलवामा व एयर स्ट्राइक के बाद ज्यादती बढ़ी है। इन लोगों के लिए अब भारत मुफिद जगह है। भारत सरकार अतर्राष्ट्रीय दबाव बनाते हुए इनकी सुरक्षा के इंतजाम करें। – डा. बाबूदान, अध्यक्ष धाटपारकर वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन\क्च
केस-1 हैदराबाद में तीन दिन पहले एक डिप्टी (पुलिस ) की पत्नी गुरुद्वारे में घुसी। यहां सिक्खों को पूजा करने से रोका और उनको यह कहा कि उसकी नींद में खलल पड़ रहा है। इस दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए महिला पुरुषों को यहां से बाहर निकलने को कहा। पुजारी को प्रताडि़त करने का यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
केस-2 सात दिन पहले सिंध में हिन्दू, सिक्ख और इसाई संप्रदाय के सैकड़ों लोग एकत्रित हुए। उन्होंने रैली निकाली और सड़कों पर प्रदशज़्न किया कि बहुसंख्यक उनके साथ में ज्यादती कर रहे है। अपहरण और बलात्कार की घटनाएं बढऩे का आरोप लगाते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए है।
केस-3 थारपाकर इलाके में 37 भील परिवारों का एक साथ धमज़् परिवज़्तन करवाया गया। यहां एक मौलवी ने इन गरीब परिवारों के लिए शतज़् रख दी कि उनको यहां रहना है तो धमज़् बदलना होगा। इसको बाद में सावज़्जनिक प्रदशिज़्त भी किया गया।