नगर निगम में शुक्रवार को बैठक के दौरान अलाव की लकड़ी में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए। पार्षदों ने कहा 50 की जगह 30 किलो ही लकड़ी दी जा रही है। उपसभापति सर्वेश रस्तोगी ने कहा कि कहीं गीली लकड़ी पहुंचाई जा रही है, आधे से ज्यादा जगहों पर लकड़ी ही नहीं पहुंच रही है। कागजों में 182 स्थानों पर अलाव जलाया जाता है। लेकिन अलाव की संख्या काफी कम है। इसपर मेयर ने निर्माण विभाग के अफसरों से ठेकेदार के विरुद्ध नोटिस या जुर्माने की कार्रवाई के बारे में पूछा तो वे चुप्पी साध गए। मेयर उमेश गौतम ने कहा कि कहा कि कहां कितनी लकड़ी जा रही है। इसकी जांच होनी चाहिए। इसमें पार्षद को भी शामिल किया जाए। मेयर ने लकड़ी सप्लाई करने वाली फर्म की जांच के आदेश दिए हैं।
भुगतान करने के बावजूद काम शुरू न करने वाले ठेकेदार होंगे ब्लैकलिस्ट नगर निगम में कई सड़कों का शिलान्यास हो चुका है, लेकिन अभी तक निर्माण शुरू नहीं हुआ। ठेकेदार भुगतान का रोना रोकर निर्माण नहीं करवा रहे हैं। जिस पर नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने कहा कि ठेकेदारों को दिसंबर से 15 जनवरी तक सवा पांच करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मेयर उमेश गौतम ने कहा कि कुछ ठेकेदार ऐसे हैं जिनका अकेले 50 लाख से ज्यादा बकाया है। भुगतान में और तेजी लानी होगी। जिस पर नगर आयुक्त ने जवाब दिया कि भुगतान लगातार किया जा रहा है, इसके बाद भी काम शुरू न करने वाली फर्म अब ब्लैकलिस्ट होगी। नगर निगम की नई बिल्डिंग के निर्माण में देरी करने पर कार्यदायी संस्था पर जुर्माना लगेगा। नौ करोड़ रुपये की सीलिंग की जमीन पर पेड़ लगेंगे।