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बरेली

तीन हजार राशन कार्ड लॉक: बैंक कर्जदार को सरकार ने माना जमींदार, टीडीएस, इनकम टैक्स कटने वालों के नहीं बनेंगे

आपूर्ति विभाग के सॉफ्टवेयर ने बरेली के सैकड़ों परिवारों के राशनकार्ड लॉक कर दिए हैं, जिससे अब जरूरतमंद परिवारों को राशन मिलना बंद हो जाएगा। ये परिवार अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बैंकों से ऋण ले चुके थे।

बरेलीSep 30, 2024 / 10:40 am

Avanish Pandey

बरेली।आपूर्ति विभाग के सॉफ्टवेयर ने बरेली के सैकड़ों परिवारों के राशनकार्ड लॉक कर दिए हैं, जिससे अब जरूरतमंद परिवारों को राशन मिलना बंद हो जाएगा। ये परिवार अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बैंकों से ऋण ले चुके थे। मुख्यालय से प्राप्त सूची के आधार पर, इन परिवारों के राशनकार्ड निरस्त कर दिए गए हैं, क्योंकि मानकों के अनुसार बैंक ऋण केवल उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर ही दिया जाता है।
5 लाख से ऊपर लोन लेने वाले राशन कार्ड के दायरे से बाहर

आपूर्ति विभाग के अनुसार, मुख्यालय से प्राप्त सूची में उन व्यक्तियों के नाम शामिल हैं जो टैक्सपेयर हैं, टीडीएस धारक हैं, या जिन्होंने ऋण लेने के लिए अपनी वार्षिक आय पांच लाख रुपये से अधिक दिखाई है। जिन व्यक्तियों ने बैंकों से कर्ज लिया है और किस्तें जमा कर पा रहे हैं, उन्हें समृद्ध माना गया है। बैंकों ने कर्ज देने के लिए जरूरतमंदों के पैन कार्ड का उपयोग किया था, जिससे उनकी आय राशन कार्ड की पात्रता सीमा से अधिक हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, जिले में सैकड़ों परिवारों के राशनकार्ड रद्द कर दिए गए हैं।
राशनकार्ड पात्रता और नियम
राशनकार्ड प्राप्त करने के लिए सरकार ने पात्रता मानदंड निर्धारित किए हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है परिवार की वार्षिक आय। ग्रामीण क्षेत्रों में एक परिवार की सालाना आय दो लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह सीमा तीन लाख रुपये है।
राशन कार्ड रद्द करने के कारण
अब तक, तीन हजार से अधिक लोगों के राशनकार्ड से नाम हटाए जा चुके हैं, क्योंकि उनकी आय सरकार द्वारा तय की गई सीमा से अधिक पाई गई है। जिन लोगों का नाम मुख्यालय से प्राप्त सूची में था, उनके राशनकार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। यदि किसी जरूरतमंद व्यक्ति का राशनकार्ड रद्द हुआ है, तो वह दोबारा आवेदन कर सकता है, और जांच के बाद मानकों के अनुरूप होने पर उसका कार्ड पुनः जारी किया जाएगा।
नीरज सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी का बयान
जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि “जिन परिवारों की आय निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है, उनके राशनकार्ड निरस्त कर दिए जाते हैं। कर्ज लेने वालों की सूची में शामिल लोगों ने अपनी आय बढ़ाकर दिखाने के लिए खुद को टैक्स पेयर घोषित किया था, जिसके आधार पर उनका नाम सॉफ्टवेयर से चिन्हित कर शासन को भेजा गया। इसी सूची के आधार पर उनके राशनकार्ड रद्द किए गए हैं।”

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