थाना प्रभारियों की कमजोरी उजागर
आईजी ने जब थाने में असलहे, स्टाफ के प्रबंधन और क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति से जुड़े सवाल पूछे तो कई थाना प्रभारी जवाब देने में असमर्थ दिखे। केवल दो-तीन प्रभारी ही इन सवालों का ठीक से जवाब दे पाए। कुछ थानेदार तो आईजी के सवालों पर असमंजस में पड़ गए, जिससे उनकी तैयारियों की कमी उजागर हुई।
एसएसपी ने दिए सुधार के निर्देश
आईजी की समीक्षा बैठक के बाद एसएसपी अनुराग आर्य ने थाना प्रभारियों को सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि सभी थानों में पुलिसकर्मियों का रजिस्टर तैयार किया जाए, जिसमें उनके परिवार और उनकी समस्याओं की जानकारी दर्ज हो। थाना प्रभारी अपने स्टाफ के साथ पारिवारिक व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि अपराध रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और गैंगस्टर एक्ट व अन्य निरोधात्मक कार्रवाई प्रभावी ढंग से की जाए। साथ ही, पुलिस-जनता संवाद को मजबूत बनाने और विशेष अभियान चलाने पर भी जोर दिया गया।
15 दिन बाद फिर होगी समीक्षा
आईजी डॉ. राकेश सिंह ने बैठक के अंत में थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और जनशिकायतों के निस्तारण को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि 15 दिन बाद इन सभी बिंदुओं पर फिर से समीक्षा की जाएगी। बैठक के मुख्य बिंदु
- बेसिक पुलिसिंग पर चर्चा: पुलिसिंग से जुड़े बुनियादी सवालों पर अधिकारियों की जानकारी परखी गई।
- अपराध रोकथाम के निर्देश: अपराधों पर रोक लगाने और विवेचनाओं को समय पर पूरा करने की हिदायत दी गई।
- पुलिसकर्मियों की वेलफेयर: स्टाफ रजिस्टर तैयार करने और पुलिसकर्मियों के साथ बेहतर संबंध बनाने पर जोर।
- जनता से संवाद: पुलिस-जनता के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश।