एडीजीसी क्राइम सुनील पांडेय ने बताया कि बारादरी में युवती की मां ने दो सितंबर 2019 को दुष्कर्म की एफआईआर करायी थी। बरेली के नेकपुर सुभाषनगर में रहने वाले अजय उर्फ राघव और उसकी बेटी झांकी बनाते थे। 29 अगस्त 2019 को अजय उसकी बेटी को भगा ले गया। बारादरी पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर युवती को बरामद किया। युवती ने अजय पर नशीला प्रसाद खिलाकर दिल्ली में बंधक बनाकर दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगाये थे। 2019 से अब तक जेल में बंद था।
रेप केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी। युवती ने 13 अक्तूबर 2023 को कोर्ट में आरोपी अजय के खिलाफ बयान दिये थे। आठ फरवरी 2024 को जिरह के दौरान युवती अपने बयानों से पूरी तरह से मुकर गयी थी। युवती बोली मै अनपढ़ हूं। पढ़ना-लिखना नहीं जानती हूं, जबकि कलमबंद बयान में युवती ने अंग्रेजी में हस्ताक्षर किये थे। वह बोली अजय ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया था। कलमबंद बयान मैंने पुलिस के दबाव में दिया था।
बयानों से मुकरने पर कोर्ट ने युवती से सवाल किए तो वह बोली कि वह आज जो बयान दे रही है, वह सही है। पहले उसने गलत बयान दिया था। जिस पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में शपथ लेकर गलत बयान देने पर युवती को न्यायिक हिरासत में लेकर उसके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दे दिए। फटाफट कोर्ट के पेशकार विनोद बिहारी माथुर ने युवती के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद उसे सीजेएम कोर्ट में उसे पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।