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बरेली

सीएए कानून को लेकर मुसलमानों को डरा रहे हैं सपा सांसद : मौलाना शहाबुद्दीन

बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सीएए कानून लागू किए जाने पर कहा कि यह कानून केंद्र सरकार बहुत पहले लेकर आई थी और लागू करना चाहती थी। मगर हकीकत को समझे बगैर देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने की वजह से लागू नहीं हो सका। मगर अब सरकार लागू करना चाहती है, इस कानून का अध्धयन करने के बाद स्पष्ट तौर पर पता चला कि इस कानून से भारत के मुसलमानों का कोई लेना-देना नहीं है।
 

बरेलीJan 05, 2024 / 08:00 pm

Avanish Pandey

यह कानून उन लोगों से संबंध रखता है जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे देश से आए हुए लोग जो अभी भारत में रह रहे हैं। उनको अब तक नागरिकता नहीं मिली है, ऐसे लोगों को नागरिकता दी जाएगी।
भारत के मुसलमानों की नागरिकता पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं

इस कानून में भारत में रह रहें करोड़ों मुसलमानों की नागरिकता पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं उठाया गया है। यह कैसे मुमकिन हो सकता है कि यहां सदियों से रह रहे मुसलमानों की नागरिकता को छीन लिया जाएगा। अगर भविष्य में ऐसा कोई कानून बनाया जाता है तो भारत के हालात खराब हो सकते हैं, कोई भी सरकार ऐसा कदम नहीं उठा सकती है। मौलाना ने सपा सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क के बयान पर तीखी प्रक्रिया दी है। जिसमें बर्क ने कहा था कि सीएए कानून लागू हुआ तो हालात खराब हो जायेंगे, मौलाना ने कहा कि सपा सांसद मुसलमानों को डरा रहे हैं और गुमराह व भयभीत कर रहें हैं। उनको एक बार कानून को पढ़ना चाहिए। फिर उसके बाद उनको समझ में आ जाएगा कि असल हकीकत क्या है, बगैर कानून का अध्धयन किए धमकी देना किसी सांसद के लिए शोभा नहीं देता।
कानून से घबराने की जरूरत नहीं

मौलाना ने आगे कहा कि इस कानून से मुसलमानों को घबराने और परेशान होने की जरूरत नहीं है। कुछ राजनीतिक लोगों का सिर्फ यह मकसद रह गया है कि वह मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए जज्बाती व भड़काऊ और बेबुनियाद बयानबाजी करते हैं मगर अब सियासी हालात बहुत बदल चुके हैं।

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