सेवा प्रबंधक पर भी लग रहे आरोप
फर्जी बिल मामले में रोडवेज सेवा प्रबंधक पर भी आरोप लग रहे हैं। उन पर आरोप है कि उनकी सरपरस्ती में यह सारे काम किए गए हैं। वही सेवा प्रबंधक ने इन आरोप को गलत बताया उनका कहना है कि उन पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
फर्जी मरम्मत बिलों का खुलासा
रोडवेज की कई बसें, जो पहले ही कंडम घोषित हो चुकी थीं, नीलामी के लिए वर्कशॉप में खड़ी थीं। इनमें भी मरम्मत कार्य का दावा कर बिल तैयार किए गए। उदाहरण के तौर पर बस संख्या AT 9677 और BT 1151 के लिए क्रमशः ₹2,615 और ₹2,490 के मरम्मत बिल बनाए गए। इन बिलों को रीजनल वर्कशॉप के सीनियर फोरमैन ने सत्यापित भी कर दिया।
एक दिन में 35 काम, फर्जी बिल का आरोप
बस संख्या 2597 में एक ही दिन में इंजन बदलने सहित 35 से अधिक काम दर्शाकर बिल पास करवा लिया गया। रोडवेज के मैकेनिकल स्टाफ ने कहा कि इतने सारे कार्य एक ही दिन में संभव नहीं हैं। वहीं नीलामी के लिए तैयार बसों पर भी रंग.रोगन का खर्च दिखाया गया। लीलैंड मॉडल की ऐसी बसों में भी मरम्मत का भुगतान किया गया, जिनमें कमानी सिस्टम नहीं होता, लेकिन बिल में कमानी की मरम्मत दर्शाई गई।
जांच और कार्रवाई की तैयारी
रोडवेज सेवा प्रबंधक धनजीराम ने कहा, मुख्यालय को इस घोटाले की जानकारी दी गई है। किसी गलत बिल का भुगतान नहीं किया गया है, और संबंधित फर्म का दो बार भुगतान रोका जा चुका है। नीलामी के लिए खड़ी बसों के पुर्जे खोले गए थे। जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। घोटाले के एक के बाद एक खुलासे के बाद अधिकारी सफाई दे रहे हैं कि गलत बिलों का भुगतान नहीं हुआ हैए लेकिन घोटाले की गंभीरता को देखते हुए आगे सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है।
बीएस.6 मॉडल की नई बसों पर भी फर्जी बिल
पिछले कुछ महीनों में मिले बीएस 6 मॉडल की नई बसों में भी मरम्मत कार्य दर्शाकर फर्जी बिल बनाए गए, जबकि इन बसों की सर्विस और देखरेख की जिम्मेदारी अभी बस आपूर्ति करने वाली कंपनी की है।