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बरेली: ड्रग वेयर हाउस के निर्माण में लापरवाही, राजकीय निर्माण निगम के अफसरों के खिलाफ एफआईआर

ढाई साल तक ड्रग वेयरहाउस के निर्माण की पहली किस्त 103.32 लाख रुपये राजकीय निर्माण निगम के खाते में पड़े रहे। आचार संहिता का हवाला देकर निर्माण को अटका दिया ढाई साल तक ड्रग वेयरहाउस के निर्माण की पहली किस्त 103.32 लाख रुपये राजकीय निर्माण निगम के खाते में पड़े रहे। आचार संहिता का हवाला देकर निर्माण को अटका दिया।

बरेलीJul 25, 2024 / 08:37 pm

Avanish Pandey

बरेली। ढाई साल तक ड्रग वेयरहाउस के निर्माण की पहली किस्त 103.32 लाख रुपये राजकीय निर्माण निगम के खाते में पड़े रहे। आचार संहिता का हवाला देकर निर्माण को अटका दिया। प्रोजेक्ट की लागत बढ़ाने में लगे रहे। राजकीय निर्माण निगम के इकाई यूनिट हेड समेत और तीन अफसरों के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है।
सीएम डैशबोर्ड पर डीएम को दी थी भ्रामक सूचना, जांच के बाद हुई कार्रवाई
सीएम डैशबोर्ड पर ड्रग वेयरहाउस के निर्माण को लेकर डीएम रविंद्र कुमार को भ्रामक सूचना दी गई थी। इसके बाद जिला विकास अधिकारी दिनेश कुमार यादव, महेश कुमार वर्मा, कृष्णपाल, विवेक त्रिवेदी ने संस्था के सहायक अभियंता संजय कुमार चौधरी, जेपी वर्मा सिकंदर पाल अभियंता की मौजूदगी में जांच पड़ताल की। जांच में पता लगा कि ड्रग वेयरहाउस के निर्माण के लिए 929.87 लाख स्वीकृत हुए थे। 18 जनवरी 2022 को पहली किस्त 103. 32 लाख की धनराशि रिलीज की गई थी।
प्रोजेक्ट की लागत बढ़वाने के लिए नहीं शुरू कराया काम
राजकीय निर्माण निगम के पूर्व यूनिट हेड नवीन चंद्र लोहनी, वर्तमान हेड दीपचंद पंत और सहायक अभियंता संजय चौधरी ने जानबूझकर शासकीय आदेशों का समय से पालन नहीं किया। धनराशि को प्राप्त करने के बाद भी ड्रग वेयरहाउस का निर्माण नहीं किया गया, जबकि जनहित में ड्रग वेयरहाउस का निर्माण काफी पहले होना था। शासन ने जनवरी 18 जनवरी 2022 को 103. 32 लाख की धनराशि उपलब्ध कराई थी।
ढाई साल बाद भी उसके निर्माण के लिए किसी भी संस्था से अनुबंध नहीं किया गया। कार्यदाई संस्था के खाते में स्वीकृत धनराशि रखकर टेंडर नहीं किए गए। निर्माणाधीन वेयरहाउस की लागत को बढ़ाने का कार्य किया गया। सीएमओ ने 24 फरवरी 2024 को लेआउट प्लान अनुमोदित करने के पश्चात 19 फरवरी को कार्यवाही संस्था द्वारा कार्यकारी मानचित्र तैयार करने के लिए दिया गया।10 दिन में प्राप्त करके यह कार्य आदर्श आचार्य संहिता लागू होने से पूर्व भी प्रारंभ किया जा सकता था, लेकिन संस्था ने जानबूझकर इसमें लापरवाही की। जेई विवेक त्रिवेदी की ओर से राजकीय निर्माण निगम के पूर्व यूनिट हेड नवीन चंद्र लोहनी, वर्तमान यूनिट हेड दीपचंद पंत और सहायक अभियंता संजय कुमार चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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