ठेकेदार नगर निगम इंजीनियर के साथ कर रहे सांठ गांठ, टेंडर लेने में चला रसूख
नगर निगम में पुराने ठेकेदार तो खामोश हैं। मगर कुछ ऐसी फर्म हैं जिनका रसूख हर टेंडर पर कायम है। वो जो चाहे कोई सा भी ठेका ले सकते हैं। सपा सरकार में पनपे ठेकेदारों की फर्मों को अफसर खूब फलने फूलने की व्यवस्था करवा रहे है। इम्तियाज नाम की फर्म अभी तक नाला सफाई समेत अन्य का ठेका लेती रही है। अब अलाव की लकड़ी में भी आंच ले रहे हैं। कुछ ठेकेदारों की फर्म नाली निर्माण से अस्थाई रैन बसेरों के निर्माण और अन्य कामों में बिना अनुभव प्रमाण पत्र के ही अपना दबदबा बना रहे हैं।
क्या है मामला, पत्रिका ने खोले कई राज
सर्दी के मौसम में शहर के अलग-अलग चौराहों पर अलाव जलाने की व्यवस्था होती है। इसके लिए निगम ने करीब 600 क्विंटल लकड़ी लेने के लिए टेंडर निकालता है। इस बार भी टेंडर निकाले गए। पिछली बार जिस फर्म ने लकड़ी खरीद का टेंडर लिया उसका भुगतान नहीं किया। फाइलें तक गुम कर दी गई। कई तरह के आरोप निर्माण विभाग के अधिकारियों पर लगे। अब नाला सफाई करने वाली फर्म को लकड़ी खरीद का ठेका नगर निगम ने दे दिया है। अनुभव प्रमाण पत्र इसलिए नहीं लिया जाता क्यों निविदा 40 लाख से नीचे की है। इसलिए नाला सफाई फर्म को ही अलाव लकड़ी की जिम्मेदारी दे दी।
ऐसे होगा खेल
ठेकेदारों ने अब टेंडर डालते समय कई ऐसे बिंदु तय कर लिए हैं कि अगर कहीं फंस जाए तो अधिकारी अपनी उच्च अधिकारियों को यही बोल देते हैं कि बाजार से बहुत कम रेट पर टेंडर हुआ है। बस यहीं से खेल की शुरूआत हो जाती है। अलाव लकड़ी के लिए कई फर्मों ने टेंडर डाले। इनमें सबसे कम रेट 735 रुपये आया है। फिलहाल बाजार में लकड़ी का रेट 1000 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल है। इम्तियाज नाम की फर्म को ये ठेका 735 रुपये प्रति क्विंटल में दे दिया गया है। जानकारों ने बताया कि ठेकेदार या तो अलाव वाले स्थानों पर कम लकड़ी भेजेगा या फिर गीली लकड़ी को सस्ते दामों में खरीद लेगा। गीली लकड़ी कई दिनों तक जल पाती है। उसको ये दिखाने हो जाएगा कि वो रोजाना अलाव की व्यवस्था कर रहा है।