किसान ने मिट्टी उठाने के लिए ली थी अनुमति
राजेश कुमार के अनुसार, उसने अपने खेत को समतल करने के लिए दूसरे खेत से मिट्टी उठाने की अनुमति ली थी। शुक्रवार को तहसीलदार ने खेत का निरीक्षण किया और आरोप लगाया कि अनुमति से अधिक मिट्टी खनन की गई है। उन्होंने किसान को जुर्माना भरने की चेतावनी दी और कार्रवाई की धमकी देकर चले गए। पीड़ित का कहना है कि तहसीलदार ने बाद में अपने कर्मचारी के माध्यम से उसे फोन कर अपने आवास बुलाया। वहां 50 हजार रुपये की मांग की गई, और रुपये देने से इनकार करने पर तहसीलदार ने आवास पर तैनात एक होमगार्ड के डंडे से उसकी पिटाई की। किसान का आरोप है कि तहसीलदार ने शोर-शराबा होने पर कमरे के अंदर जाकर खुद को बंद कर लिया।
तहसीलदार ने सभी आरोपों को बताया निराधार
तहसीलदार दुष्यंत प्रताप सिंह ने आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि किसान उनके आवास के बाहर शराब पीकर शोर मचा रहा था। उस समय वह पूजा कर रहे थे और उन्होंने किसान को डांटकर वहां से भगा दिया। तहसीलदार ने कहा, “हाल ही में मैंने अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, जिससे नाराज होकर मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। न तो मैंने किसी से रुपये मांगे और न ही किसी की पिटाई की।” मामला अब विवादित हो गया है। किसान ने जहां जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है, वहीं तहसीलदार ने इसे गलत और साजिश बताया है।