बरेली जिले में प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दरगाह प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा, “बागेश्वर धाम छतरपुर के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री भारत के मुसलमानों को पासपोर्ट बनवाने और देश छोड़कर पाकिस्तान चले जाने की धमकी दे रहे हैं।”
मुसलमानों को पाकिस्तान जाने की धमकी दे रहें हैं धीरेंद्र शास्त्री- मौलाना
उन्होंने कहा, “इससे पहले भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री टोपी वालों को सनातनी बनाने की बात कह चुके हैं। साथ ही मुसलमानों को सुधर जाने की भी सलाह दे चुके हैं। बाबा अपनी इन बातों से देश को कमजोर कर रहे हैं और मुसलमानो को पाकिस्तान जाने की धमकी देकर देश को तोड़ने की योजना बना रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इससे पहले भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री टोपी वालों को सनातनी बनाने की बात कह चुके हैं। साथ ही मुसलमानों को सुधर जाने की भी सलाह दे चुके हैं। बाबा अपनी इन बातों से देश को कमजोर कर रहे हैं और मुसलमानो को पाकिस्तान जाने की धमकी देकर देश को तोड़ने की योजना बना रहे हैं।”
नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं बाबा- मौलाना
मौलाना ने आगे कहा, “अखंड भारत एक बार 1947 में टूट चुका है। क्या फिर बाबा धीरेंद्र शास्त्री भारत को दोबारा तोड़ने की कगार पर ले जाना चाहते हैं? जिन लोगों को पाकिस्तान जाना था वो पाकिस्तान जा चुके और जिन लोगों को भारत पसंद था और यहां की सरजमीं से प्रेम करते थे वो यहीं रुक गए, ये बहस 75 साल पहले ही खत्म हो चुकी है। अब दोबारा बंटवारे की बहस करना फिजूल है और देश के वातावरण को खराब करने और नफरत फैलाने वाली है।
मौलाना ने आगे कहा, “अखंड भारत एक बार 1947 में टूट चुका है। क्या फिर बाबा धीरेंद्र शास्त्री भारत को दोबारा तोड़ने की कगार पर ले जाना चाहते हैं? जिन लोगों को पाकिस्तान जाना था वो पाकिस्तान जा चुके और जिन लोगों को भारत पसंद था और यहां की सरजमीं से प्रेम करते थे वो यहीं रुक गए, ये बहस 75 साल पहले ही खत्म हो चुकी है। अब दोबारा बंटवारे की बहस करना फिजूल है और देश के वातावरण को खराब करने और नफरत फैलाने वाली है।
मौलाना बरेलवी ने कहा, “धीरेंद्र शास्त्री की बातें देश हित में नहीं है। मुसलमानों को देश छोड़ने की धमकी देने से कट्टरपंथी विचार धारा रखने वाले लोगों को और प्रतिबंधित सिमी और पीएआई जैसे संगठनों को देश विरोधी गतिविधियां करने के लिए मौका मिल जाएगा। साथ ही उन संगठनों और उन व्यक्तियों को बहुत नुकसान होगा जो देश की तरक्की, सद्भाव, अमन और शांति के लिए काम कर रहे हैं।
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