scriptबीफ बैन होने से नहीं पड़ेगा कोई फर्क, CM असम की सोच गलत: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी | Maulana Shahabuddin Razvi said Muslims will not be affected by the beef ban, Himanta Biswa Sarma thinking is wrong | Patrika News
बरेली

बीफ बैन होने से नहीं पड़ेगा कोई फर्क, CM असम की सोच गलत: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा है कि इस्लाम में बीफ खाना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे बीफ खाना छोड़ दें और इसे लेकर किसी भी तरह के विवाद से दूर रहें।

बरेलीDec 05, 2024 / 06:14 pm

Prateek Pandey

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मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुसलमान बिना बीफ खाए भी अपनी जिंदगी अच्छे से जी सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीफ खाना न तो इस्लाम में आवश्यक है और न ही इसके बिना मुसलमानों की जिंदगी प्रभावित होती है।

हिमंत बिस्वा सरमा के बयान पर दी प्रतिक्रिया

मौलाना रजवी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बीफ पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि असम सरकार द्वारा बीफ पर लगाए गए प्रतिबंध का मुसलमानों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “इस्लाम ने कभी बीफ खाने को लाज़िम नहीं ठहराया है। यह लोगों की निजी पसंद पर निर्भर करता है, न कि मजहब का कोई अनिवार्य हिस्सा है।”
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मौलाना ने यह भी कहा कि बीफ केवल मुसलमान ही नहीं, बल्कि कई गैर-मुस्लिम भी खाते हैं। यदि असम के मुख्यमंत्री को लगता है कि मुसलमान बीफ नहीं खाएंगे तो जिंदा नहीं रह सकते, तो यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने बीफ को लेकर विवाद बढ़ाने की बजाय शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने पर जोर दिया।

क्या है पूरा मामला

दरअसल असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रेस्तरां, होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। असम सीएम के इस फैसले के बाद से विपक्षी दल की तरफ से तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।

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