खुसरो सेना बनाई, लड़े चुनाव, नहीं मिली सफलता एसआईटी को आशंका है कि शेर अली जाफरी ने बरेली के अलावा दूसरे जिलों के छात्रों को भी फर्जी डिग्री थमाई होगी। अब और भी पीड़ित सामने आ सकते हैं। शेर अली जाफरी ने अल्पसंख्यक और फकीर समाज के लोगों को इकट्ठा करने के लिए खुसरो सेना बनाई। मेयर समेत कई चुनाव लड़े, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हुआ और उसने खुसरो सेना का विलय कर दिया। भाजपा नेता ने उसे गनर दिलवाया। जिसके जरिए अल्पसंख्यक के नाम पर वह सत्ता की मलाई चाट रहा था।
मुकदमे दर्ज होते रहे और हर बार बच कर निकलता रहा शेर अली जाफरी जाफरी पर तीन मुकदमे दर्ज हुए थे, लेकिन हर बार वह बचता रहा। इस बार भी उसे बचाने की कोशिश हुई, पर एसपी अनुराग आर्य और एसपी साउथ मानुष पारीक की सख्ती के आगे किसी का जोर न चला। जाफरी के भाई जबर अली पर एक युवक की हत्या करने का आरोप था। उसका शव गंगा की कटरी से बरामद हुआ था। कई साल पहले शेर अली जाफरी के भाई जबर अली के साले आविद अली की हत्या का मामला जोरशोर से उठा था। आबिद का लंबे समय तक पता नहीं लगा। आरोप था कि जबर अली ने अपने भाइयों की मदद से आबिद अली को ईंट भट्ठे में जलाकर मार दिया है।
दुष्कर्म के भी मुकदमे से बच निकला था शेर अली शेर अली जाफरी पर दुष्कर्म का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। बताते हैं कि उस समय भी थाने पर सेटिंग व नेताओं के संरक्षण से जाफरी ने खुद को बचा लिया था। इस बार भी जाफरी ने बच निकलने के लिए पूरी प्लानिंग की, लेकिन वह एसएसपी अनुराग आर्य की नजरों से बच नहीं पाया और उसकी राजनीतिक पकड़ कोई काम नहीं आई। अब इस मामले में पुलिस स्कूल के प्रिंसिपल और कंसल्टेंसी चलने वाले विजय शर्मा की तलाश में जुटी है।