हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों के इलाज से पहले उनका वायरल लोड चेक करना जरूरी होता है। उसके आधार पर तय होता है कि मरीज को कैसे और कितने दिनों तक ट्रीटमेंट करना है। अभी तक जिला अस्पताल में यह सुविधा नहीं होने से उनके वायरल लोड की जांच लखनऊ में केजीएमयू से कराई जाती थी। एक मरीज की जांच रिपोर्ट आने में चार घंटे का समय लगता है। इसलिए एक दिन में कुछ ही मरीजों की जांच हो सकती थी। जांच रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन और कई बार एक हफ्ते का भी समय लगता था। इससे मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा था। इसको देखते हुए जिला अस्पताल की एडीएसआइसी डॉ. अलका शर्मा ने टीबी विभाग से वायरल लोड की जांच के लिए टूनेट मशीन ली है।
सुबह से दोपहर दो बजे तक उससे टीबी के मरीजों के सैंपल की जांच होगी। 2 बजे के बाद हेपेटाइटिस मरीजों की जांच की जाएगी। इससे विभागीय कर्मचारियों की लखनऊ तक की दौड़ बच रही है। रिजल्ट भी अगले दिन मिलने से मरीजों का इलाज भी जल्दी शुरू हो सकता है।