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बरेली

इंजीनियरों ने विकास कार्यों को बनाया फुटबॉल, छह माह से अटके काम, फिर आया मेयर को गुस्सा

नगर निगम के विकास कार्यों में लापरवाही और इंजीनियरों की टालमटोल पर मेयर डॉक्टर उमेश गौतम को गुस्सा आ गया। उन्होंने कहा कि नगर निगम की छवि धूमिल करने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

बरेलीJul 26, 2024 / 08:41 pm

Avanish Pandey

बरेली। नगर निगम के विकास कार्यों में लापरवाही और इंजीनियरों की टालमटोल पर मेयर डॉक्टर उमेश गौतम को गुस्सा आ गया। उन्होंने कहा कि नगर निगम की छवि धूमिल करने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
सोमवार से शुरू कराएं टेंडर प्रक्रिया

निगम अफसरों, इंजीनियरों की मेयर ने जमकर फटकार लगाई। कहा कि सारे कामों को स्वीकृत हुए छह माह बीत गए, लेकिन टेंडर नहीं हुए। नाराज मेयर ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जो फाइल लंबित पड़ी हैं, उन पर प्रमुखता से काम होना चाहिए। टेंडर प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो जाएं। फाइल लंबित होने पर विभागीय इंजीनियरों पर कार्रवाई होगी और अगली बार बैठक में यह गड़बड़ी सामने आई तो कार्यालय से बाहर नहीं जा पाओगे।
चीफ इंजीनियर समेत एई और जेई की लगाई क्लास

शुक्रवार सुबह 11 बजे मेयर कार्यालय में समीक्षा बैठक शुरू हुई। मेयर ने मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी से जो काम नहीं हुए उनकी सूची मांगी। इसके एई, जेई से कार्यों के बारे में पूछा। मेयर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 77 फाइलें है। जिनका काम शुरू नहीं हुआ है, उन पर जल्द काम शुरू कराएं। सोमवार तक टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाए। लापरवाही पर सख्त कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा। समीक्षा बैठक में मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी, जलकल महाप्रबंधक सौरभ श्रीवास्तव, एक्सईएन राजीव कुमार राठी, दिलीप कुमार शुक्ला समेत तमाम एई और जेई मौजूद रहे।
फाइलों में कमी हुई तो एक्सइएन,लिपिक नहीं जेई जिम्मेदार होंगे

बैठक में कार्य स्वीकृत होने के बाद भी बहुत से कामों के टेंडर नहीं हुए कुछ टेंडर होने के बाद चालू नहीं हुए। मेयर ने कहा कि छह माह से टेंडर न होना इंजीनियरों की कार्यशैली को बता रहा है। फाइलें इस कार्यालय से दूसरे में ही घूम रही है। जनता से जुड़े कामों की फाइलें अब एक्सईएन, लिपिक के पास न रहकर सीधे जेई के पास होगी। काम न होने पर जेई ही जिम्मेदार होंगे।

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