राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित होने वाले आरबीएसके कार्यक्रम में जिले में 45 से अधिक गाड़ियों का ठेका होता है। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो और कोई विवाद न हो, इसके लिए जिला अधिकारी ने सीडीओ जग प्रवेश को समिति का नोडल बनाया था। डीएम ने निर्देश दिया था कि बिड की पूरी प्रक्रिया सीडीओ के निर्देशन में संपन्न कराई जाए। लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों- कर्मचारियों ने पूरे मामले में मनमानी की। गाड़ियों की बिड अपलोड कर दी और सीडीओ जग प्रवेश को सूचना तक नहीं दी। इतना ही नहीं, गाड़ियों की टेक्निकल भी खोल दी। जब बिड के अंत में फाइनेंशियल खोलने की जरूरत पड़ी तो फाइल सीडीओ जग प्रवेश के पास भेजी गई। वह नाराज हुए और उन्होंने उस पर आपत्ति जताई कि समिति का नोडल होने के बाद भी उनकी जानकारी के बिना ही बिड की टेक्निकल कैसे खोली गई।
गाड़ियों की बिड होनी थी जिसके लिए समिति बनाई गई थी। डीएम ने मुझे अध्यक्ष बनाया था। सीएमओ ऑफिस से गाड़ियों की बिड की प्रक्रिया शुरू कर दी गई और टेक्निकल भी खोल दी गई लेकिन मुझे नहीं बताया गया। यह गलत है। अब बिड कैंसिल करने को कहा है। दोबारा नए सिरे से बिड की प्रक्रिया शुरू होगी। –
जग प्रवेश, सीडीओ
जग प्रवेश, सीडीओ