कानपुर के अनिल, राधा के खिलाफ रिपोर्ट
इज्जतनगर के आलोक नगर निवासी रामलखन ने कानपुर के थाना नौबस्ता क्षेत्र के पशुपतिनगर निवासी अनिल बाजपेयी और उनकी पत्नी राधा बाजपेयी के खिलाफ शिकायत की है। रामलखन का कहना है कि वर्ष 2018 में वे कानपुर में आरोपियों के मकान में किराए पर रहते थे, जिससे उनके बीच पारिवारिक संबंध बन गए। 2019 में रामलखन बरेली शिफ्ट हो गए, लेकिन आरोपियों से उनका संपर्क फोन पर बना रहा। रामलखन के मुताबिक, अनिल बाजपेयी और उनकी पत्नी ने खुद को ऊंची राजनीतिक पहुंच वाला बताया और कहा कि वे पैसे लेकर सरकारी नौकरियां दिलवाते हैं। जनवरी 2019 में अनिल ने उन्हें फोन करके एफसीआई में मंत्रालय कोटे से चतुर्थ श्रेणी की नौकरी की पेशकश की और इसके लिए 15 लाख रुपये मांगे।
रकम ठगने और फर्जी नियुक्तिपत्र का आरोप
24 जनवरी 2019 को अनिल और राधा उनके घर आए और केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, राजनाथ सिंह और रामविलास पासवान के साथ अपने फोटो दिखाकर भरोसे में ले लिया। एडवांस के तौर पर डेढ़ लाख रुपये नकद लिए और कई दस्तावेजों पर साइन कराए। सिक्योरिटी के लिए चेक भी ले गए। रामलखन का कहना है कि एडवांस के बाद आरोपियों ने किश्तों में पूरी रकम वसूली। रकम का कुछ हिस्सा नकद और बाकी बैंक खाते में लिया गया। इसके बाद आरोपियों ने बैकडेट का एक फर्जी नियुक्ति पत्र भेजा, जिसमें एफसीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक की मुहर लगी हुई थी। आरोपियों ने उन्हें 9 सितंबर 2019 से 26 सितंबर 2019 के बीच कानपुर के जिला कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करने को कहा। लेकिन फिर कागज न पहुंचने का बहाना बनाकर रोक दिया। इसके बाद व्हाट्सएप पर एक और फर्जी नियुक्ति पत्र भेजा और समय-समय पर कोविड या सरकारी प्रक्रिया का बहाना बनाकर टालते रहे।
रकम मांगने पर धमकी, कोर्ट में शिकायत
जब रामलखन ने अपनी रकम वापस मांगी, तो सितंबर 2022 में उन्हें कानपुर बुलाकर एक फर्जी आईडी कार्ड दिया, जिसे भारतीय मजदूर यूनियन एफसीआई के श्रमिक नेता से बनवाया गया था। मार्च 2024 में आरोपियों ने रकम लौटाने से साफ इनकार कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। रामलखन ने इस ठगी और धमकी के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद थाना इज्जतनगर में रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।