बरेली में तोड़ चुके हैं तस्करों और माफियाओं का गुरुर
आईपीएस रमित शर्मा ने इलेक्ट्रिल इंजीनियरिंग से बीटेक किया है। मेरठ में डीआईजी, बरेली, मुरादाबाद में आईजी रह चुके हैं। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर बनने से पहले वह बरेली में आईजी रेंज थे। उस दौरान 2021-22 में उन्होंने माफियाओं की 167 करोड़ की प्रापर्टी जब्त कराई थी। इसके अलावा बरेली में उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया था। इसमें उत्तराखंड के 76, पंजाब के सात, झारखंड के 26, राजस्थान का एक और नेपाल के तीन अपराधियों को जेल भेजा। बरेली में पढ़ेरा के प्रधान की 3.82 करोड़ की प्रापर्टी जब्त की गई थी। पुलिस ने 200 अपराधियों का मादक पदार्थों की तस्करी में गिरफ्तार कर जेल भेजा। स्मैक तस्कर तैमूर से लेकर छोटे प्रधान, रियासत उर्फ नन्हें लंगड़ा, रेहाना बेगम, उस्मान समेत बरेली और आस पास के दर्जनों तस्करों की आलीशान कोठियां, बारातघर तत्कालीन आईजी रमित शर्मा के नेतृत्व में ढहाये जा चुके हैं।
आईपीएस रमित शर्मा ने इलेक्ट्रिल इंजीनियरिंग से बीटेक किया है। मेरठ में डीआईजी, बरेली, मुरादाबाद में आईजी रह चुके हैं। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर बनने से पहले वह बरेली में आईजी रेंज थे। उस दौरान 2021-22 में उन्होंने माफियाओं की 167 करोड़ की प्रापर्टी जब्त कराई थी। इसके अलावा बरेली में उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ जबरदस्त अभियान चलाया था। इसमें उत्तराखंड के 76, पंजाब के सात, झारखंड के 26, राजस्थान का एक और नेपाल के तीन अपराधियों को जेल भेजा। बरेली में पढ़ेरा के प्रधान की 3.82 करोड़ की प्रापर्टी जब्त की गई थी। पुलिस ने 200 अपराधियों का मादक पदार्थों की तस्करी में गिरफ्तार कर जेल भेजा। स्मैक तस्कर तैमूर से लेकर छोटे प्रधान, रियासत उर्फ नन्हें लंगड़ा, रेहाना बेगम, उस्मान समेत बरेली और आस पास के दर्जनों तस्करों की आलीशान कोठियां, बारातघर तत्कालीन आईजी रमित शर्मा के नेतृत्व में ढहाये जा चुके हैं।
बरेली के इन माफियाओं की खैर नहीं
सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले, गरीबों को दबाने उनका उत्पीड़न करने वाले और समाज व युवा पीढ़ी में नशे का जहर घोलने वालों की खैर नहीं है। मंगलवार को आईजी डा. राकेश सिंह से नवागत एडीजी रमित शर्मा ने चार्ज ग्रहण किया। एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान, एसपी सिटी राहुल भाटी, एसपी देहात मानुष पारिक, एसपी देहात मुकेश चंद्र मिश्रा, एसपी क्राइम मुकेश कुमार, एसपी ट्रैफिक शिवराज सिंह एडीजी से मिले। एडीजी ने सभी को शासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिये। पीलीभीत बाईपास पर हुई फायरिंग के मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने, माफियाओं की अवैध और बेनामी प्रापर्टी को चिन्हित कर जब्त करने के निर्देश दिये हैं।
सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले, गरीबों को दबाने उनका उत्पीड़न करने वाले और समाज व युवा पीढ़ी में नशे का जहर घोलने वालों की खैर नहीं है। मंगलवार को आईजी डा. राकेश सिंह से नवागत एडीजी रमित शर्मा ने चार्ज ग्रहण किया। एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान, एसपी सिटी राहुल भाटी, एसपी देहात मानुष पारिक, एसपी देहात मुकेश चंद्र मिश्रा, एसपी क्राइम मुकेश कुमार, एसपी ट्रैफिक शिवराज सिंह एडीजी से मिले। एडीजी ने सभी को शासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिये। पीलीभीत बाईपास पर हुई फायरिंग के मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने, माफियाओं की अवैध और बेनामी प्रापर्टी को चिन्हित कर जब्त करने के निर्देश दिये हैं।
45 साल में जो नहीं हो पाया, वह योगी सरकार के आईपीएस रमित शर्मा ने कर दिखाया
45 साल में जो नहीं हो पाया वह योगी सरकार के सुशासन और आईपीएस अफसर रमित शर्मा के नेतृत्व में प्रयागराज में हुआ। प्रयागराज के माफिया को मिट्टी में मिला दिया। मुकदमों का शतक लगा चुके माफियाओं पर हत्या, अपहरण, दंगा, फिरौती, लूट, डकैती और अवैध जमीन कब्जा सहित कई गंभीर मुकदमे थे। 100 मुकदमों का यह आरोपी सपा सरकार में खुलेआम घूमता था। ‘कानून की सड़क’ उसकी चौखट तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती थी। ‘पुलिस, कोर्ट, कचहरी और न्याय जैसे शब्द अतीक की चौखट पर आकर खत्म हो जाते थे। अतीक की चौखट से शुरू होती थी आतंक की ‘सीमा’। 45 साल में जो नहीं हो पाया था। वह आईपीएस रमित शर्मा ने प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रहते कर दिखाया। प्रयागराज जब कमिश्नरी बना तो रमित शर्मा को पहला कमिश्नर बनाया गया।
45 साल में जो नहीं हो पाया वह योगी सरकार के सुशासन और आईपीएस अफसर रमित शर्मा के नेतृत्व में प्रयागराज में हुआ। प्रयागराज के माफिया को मिट्टी में मिला दिया। मुकदमों का शतक लगा चुके माफियाओं पर हत्या, अपहरण, दंगा, फिरौती, लूट, डकैती और अवैध जमीन कब्जा सहित कई गंभीर मुकदमे थे। 100 मुकदमों का यह आरोपी सपा सरकार में खुलेआम घूमता था। ‘कानून की सड़क’ उसकी चौखट तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती थी। ‘पुलिस, कोर्ट, कचहरी और न्याय जैसे शब्द अतीक की चौखट पर आकर खत्म हो जाते थे। अतीक की चौखट से शुरू होती थी आतंक की ‘सीमा’। 45 साल में जो नहीं हो पाया था। वह आईपीएस रमित शर्मा ने प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रहते कर दिखाया। प्रयागराज जब कमिश्नरी बना तो रमित शर्मा को पहला कमिश्नर बनाया गया।
गृह मंत्रालय के उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित हो चुके हैं आईपीएस रमित शर्मा बरेली जोन के नये एडीजी रमित शर्मा को उनके सराहनीय कार्य, उत्कृष्ट सेवा, बेहतर कार्य प्रबंधन, नेतृत्व क्षमता के लिए गृह मंत्रालय उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित कर चुका है। प्रयागराज में माफिया और उसके गुर्गों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई को लेकर कमिश्नर रमित शर्मा पहले से सुर्खियों में हैं। इसके अलावा भी उन्हें राष्ट्रपति और डीजीपी से उत्कृष्ट और सराहनीय सेवा के कई मेडलों से नवाजा जा चुका है।