scriptबरेली में 57.88, आंवला में 57.11 प्रतिशत मतदान, धीमी रही मतदाताओं की चाल, बहिष्कार का भी असर | [10:0 PM, 5/7/2024] Avi: 57.88 percent voting in Bareilly, 57.11 percent voting in Aonla, voter turnout slow, boycott also had an impact | Patrika News
बरेली

बरेली में 57.88, आंवला में 57.11 प्रतिशत मतदान, धीमी रही मतदाताओं की चाल, बहिष्कार का भी असर

lok sabha election लोकसभा के तीसरे चरण में न भाजपा की लहर दिखाई दी और न ही सपा का कहर। यही वजह रही कि मतदाताओं की चाल काफी सुस्त दिखाई दी।

बरेलीMay 07, 2024 / 10:30 pm

Avanish Pandey

बरेली। लोकसभा के तीसरे चरण में न भाजपा की लहर दिखाई दी और न ही सपा का कहर। यही वजह रही कि मतदाताओं की चाल काफी सुस्त दिखाई दी। बरेली में मतदान प्रतिशत घटकर 57. 88 प्रतिशत हो गया और आंवला में मतदान प्रतिशत 57.11 प्रतिशत हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में बरेली का मतदान प्रतिशत 59.34 और आंवला का मतदान प्रतिशत 58.81 था।
क्योलड़िया, मीरगंज समेत कई जगहों पर बहिष्कार

सीबीगंज क्षेत्र में नदोसी वार्ड संख्या 37 के गोकुलपुर गांव में रोड न बनने से नाराज गांव वालों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया। करीब साढ़े नौ बजे से मतदान शुरू हो सका।
आंवला लोकसभा क्षेत्र में क्यारा ब्लॉक के जगतपुर गांव में भी ग्राम प्रधान से नाराज लोगों के मतदान का बहिष्कार कर दिया। भोजीपुरा में नौगमा गांव के लोगों ने भी चुनाव का बहिष्कार किया।
नवाबगंज के भदपुरा ब्लॉक में बैबाही और पहना पहनिया गांव के मतदाताओं ने भी देवहा नदी पर पुल और सड़क का निर्माण नहीं होने की वजह से चुनाव का बहिष्कार कर दिया।
मीरगंज के गांव खमरिया सानी में पुल निर्माण और श्मशान भूमि के रास्ते को लेकर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया। रास्ते खराब होने के कारण बिशारतगंज थाना क्षेत्र के डकोरा गांव में भी जन समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। नैनपुर गांव में भी खराब रास्ते को लेकर मतदान का बहिष्कार किया।
बीएलओ की लापरवाही से कई घरों में नहीं पहुंची वोटर पर्ची, गर्मी का भी रहा असर

स्थानीय चुनाव में मतदाताओं के घरों से बाहर निकाल कर वोट डलवाने में राजनीतिक पार्टियों की दिलचस्पी ज्यादा रहती है। लोकसभा चुनाव में ऐसा देखने को नहीं मिला। राजनीतिक पार्टियों ने दावे किए लेकिन अधिकांश लोगों के वोट नहीं थे। कॉलोनी में कई घरों के वोट गायब थे। इसके अलावा कई लोगों के पास वोटर पर्ची नहीं पहुंची। इसकी वजह से वह मतदान करने नहीं निकले। गर्मी ज्यादा थी। वोटर पर्ची न मिलने की वजह से लोगों ने भटकने के बजाय वोट न करना बेहतर समझा। इसी वजह से चुनाव प्रतिशत घट गया।

मतदान पेटियों में बंद हुआ प्रत्याशियों का भविष्य

बरेली और आंवला में भाजपा इंडी गठबंधन के प्रत्याशियों में सीधे टक्कर देखने को मिली। बरेली में इंडी गठबंधन प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन, भाजपा के प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार और आंवला में भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र कश्यप और गठबंधन के प्रत्याशी नीरज मौर्य के बीच सीधा मुकाबला रहा। दोनों के भाग्य का फैसला मतपेटियों में बंद हो गया।

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