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गहराया पेयजल संकट, देवरी में सप्ताह में एक बार हो रही जलापूर्ति

देवरी. बीते वर्ष हुई कम बारिश के चलते कई जल स्रोत पूरी तरह सूख गए हैं तो कई जल स्रोतों में पानी की आवक कम हो गई है। इसके चलते प्रत्येक गांव में जल संकट पैदा हो गया है। अभी गर्मी के शुरुआती दिनों में ही पानी के लिए लोग मशक्कत करते नजर आ रहे हैं।

बारांMay 02, 2024 / 05:04 pm

mukesh gour

देवरी. बीते वर्ष हुई कम बारिश के चलते कई जल स्रोत पूरी तरह सूख गए हैं तो कई जल स्रोतों में पानी की आवक कम हो गई है। इसके चलते प्रत्येक गांव में जल संकट पैदा हो गया है। अभी गर्मी के शुरुआती दिनों में ही पानी के लिए लोग मशक्कत करते नजर आ रहे हैं।

देवरी. बीते वर्ष हुई कम बारिश के चलते कई जल स्रोत पूरी तरह सूख गए हैं तो कई जल स्रोतों में पानी की आवक कम हो गई है। इसके चलते प्रत्येक गांव में जल संकट पैदा हो गया है। अभी गर्मी के शुरुआती दिनों में ही पानी के लिए लोग मशक्कत करते नजर आ रहे हैं।

कस्बे में मांग के मुताबिक नहीं मिल रहा पानी
अभी गर्मी के शुरुआती दिनों में ही पानी के लिए लोग मशक्कत करते नजर आ रहे हैं

देवरी. बीते वर्ष हुई कम बारिश के चलते कई जल स्रोत पूरी तरह सूख गए हैं तो कई जल स्रोतों में पानी की आवक कम हो गई है। इसके चलते प्रत्येक गांव में जल संकट पैदा हो गया है। अभी गर्मी के शुरुआती दिनों में ही पानी के लिए लोग मशक्कत करते नजर आ रहे हैं। लोग कड़ाके की धूप में एक घंटे तक पानी के इंतजार में बैठे रहते हैं। आने वाले समय में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लेगी। क्षेत्र के बीलखेड़ा माल, फरेदुआ तलहटी, देवरी सहित दर्जनों गांवो में लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कई गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है, लेकिन वह भी ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ करती नजर आ रही है। लोगों की मांग के अनुसार पानी नहीं मिल पा रहा है। अब तो सप्ताह में एक बार पानी दिया जा रहा है।
देवरी कस्बे में जनता जल योजना के तहत की जाने वाली जलापूर्ति भी पानी नहीं होने के कारण सप्ताह में एक बार ही हो पा रही है। ग्राम पंचायत सूत्रों के अनुसार देवरी कस्बे में सरकारी कुओं का पानी एक महीने पहले ही रीत गया था। सहरोल तलेटी गांव के सरकारी कुओं से शाहाबाद और देवरी में जल सप्लाई होती है लेकिन अब उनमें भी पानी कम हो गया है। जिससे सप्लाई भी 7 दिन में एक बार मिल रही है। टंकियों में पानी नहीं भर पा रहा है तो जलापूर्ति भी नहीं हो पा रही है।
ग्रामीण कर रहे लोगों की मदद

ग्रामीण खेतों पर बने कुओं से और कई जगह समाजसेवियों द्वारा खेतो से मोटर चला कर गांवो में पानी पहुंचाया जा रहा है। जिससे लोगों को पेयजल उपलब्ध हो पा रहा है। आने वाले कुछ दिनों में जल समस्या और बढऩे वाली है। प्रशासन को समय रहते पानी की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए।
जानवरों के सामने भी संकट

इस साल हुई कम बारिश के कारण जनवरी माह में ही देवरी का सिरसीपुरा तालाब सूख गया था। नदियों में भी पानी नहीं बचा। इससे मवेशियों को भी पानी की समस्या पैदा होने लगी है। लोग खेतों पर जानवरों को पानी पिला रहे हैं। गांव में लगे हैण्डण्प भी पानी कम होने से हवा छोड़ रहे हैं।
कई दिनों से कस्बे के कुओं में पानी नहीं है। सहरोल गांव से सप्लाई आती है, लेकिन उनमें भी पानी कम हो गया है। इससे 5-6 दिन में पानी की टंकी भर पाती है। ग्राम पंचायत द्वारा टैंकरों से जल सप्लाई की जा रही है, लेकिन जलस्तर नीचे जाने से टैंकर भरने में भी कई घंटे लग रहे हैं। पानी की समस्या को उच्च अधिकारियों को अवगत करा रखा है।
करण सहरिया, सरपंच देवरी

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