scriptकैसे हो काबू, पुलिस का स्पीडोमीटर खराब | How to control, police speedometer broken | Patrika News
बारां

कैसे हो काबू, पुलिस का स्पीडोमीटर खराब

शहर में कई वाहन बेतहाशा दौड़ रहे हैं। इतना ही नहीं कई वाहन चालक विपरित दिशा में भी बेखौफ दौड़ते दिखते हैं। लेकिन इनकी स्पीड को रोकने वाला तथा नियमों को बताने वाला कोई जिम्मेदार दिखाई ही नहीं देता। इसके चलते कई बार शहर में हादसे हो जाते हैं।

बारांApr 14, 2024 / 10:47 pm

mukesh gour

कैसे हो काबू, पुलिस का स्पीडोमीटर खराब

कैसे हो काबू, पुलिस का स्पीडोमीटर खराब

बारां. शहर में कई वाहन बेतहाशा दौड़ रहे हैं। इतना ही नहीं कई वाहन चालक विपरित दिशा में भी बेखौफ दौड़ते दिखते हैं। लेकिन इनकी स्पीड को रोकने वाला तथा नियमों को बताने वाला कोई जिम्मेदार दिखाई ही नहीं देता। इसके चलते कई बार शहर में हादसे हो जाते हैं।
यातायात नियमों के तहत शहर तथा बाहरी क्षेत्र में वाहनों की स्पीड तय की गई है। इसके बावजूद वाहन को बेतहासा दौड़ते नजर आते हैं। हालांकि यातायात पुलिस स्पीड को लेकर समय समय पर कार्रवाई भी करती हैं। लेकिन ऐसी कार्रवाई शहर से बाहर के मार्गों पर ही की जाती हैं। शहर में तेज स्पीड से दौड़ते वाहनों पर अंकुश नहीं लग रहा।
विशेष वाहन मंगाया, पर काम नहीं आया
वाहनों की गति को काबू करने के लिए यूं तो यातायात पुलिस विभाग के पास एक वाहन हैंं। इसमें स्पीड को कन्ट्रोल की कार्रवाई के लिए स्पीडोमीटर लगा है। लेकिन यह लम्बे समय से खराब पड़ा होने के कारण तेज गति से चल रहे वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई नहीं हो पाती। यह 6 माह से खराब पड़ा हुआ है। सूत्रों के अनुसार यह सितम्बर 2023 से खराब था। इसे ठीक भी करवाया गया। जो कुछ समय ही चलकर फिर से खराब हो गया।
तेज गति पर होते हैं यहां बहुत कम चालान
तेज गति पर रोक लगाने के लिए यातायात पुलिस विभाग ने 2023 में महज 140 मामले ही दर्ज कर कार्रवाई की। जबकि वर्ष 2024 में भी अब तक मात्र 57 मामलों में चालान बनाए गए हैं। नियम के अनुसार इसमें एक हजार रुपए का चालन काटा जाता है। यातायात पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया कि स्पीडो मीटर खराब होने के बाद सुधरवाने के लिए जयपुर भिजवाना पड़ता हैं। जो कि पुलिस अधीक्षक के माध्यम से भेजा जाता हैं। अब इस खराब पड़े मीटर के कैमरे को भी भिजवाया जाएगा।
इतनी स्पीड निर्धारित
शहरी क्षेत्र में या बाहरी क्षेत्र के मार्गों पर वाहन चलाने के लिए स्पीड का नियमानुसार निर्धारण किया गया है। इसके तहत शहर में 20 से 30 किमी प्रति घंटा की गति से वाहन को चलाया जा सकता है। वहीं बाहरी खुले लम्बे मार्गों पर बड़े वाहनों के लिए 50 से 60 किमी प्रतिघंटा तथा छोटे वाहन, जिनमें जीप, कारें इत्यादि हैं, इनकी स्पीड 60 से 80 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है।
डेढ़ गुना अधिक गति से चल रहे वाहनचालक
आम तौर पर वाहन चालक गति के नियमों को ताक पर रख कर वाहन चलाते हैं। ये ही दुर्घटना का कारण भी बनते हैं। हाइवे पर तो जीप, कार की स्पीड में बड़े वाहन चलते नजर आते हैं। वही जीप, कारें अपनी निर्धारित स्पीड से डेढ़ गुना अधिक गति से दौड़ती नजर आती हैं।
इधर, पटाखे
फोड़ते बाइकर्स भी हो गए बेलगाम
शहर में कई बुलेट दुपहिया चालक नियमों का उल्लंघन करते हुए बाइक चलाते नजर आते हैं। इसमें युवा बुलेट मोटर साइकिल के साइलेंसर से तेज आवाज में पटाके जैसी आवाज निकालकर आमजन को परेशान करते हैं। वहीं कई बाइकर्स बिना जाली के साइलेंसर से तेज आवाज करते हुए गुजरते हैं। जो लोगों के सिरदर्द का कारण बनते हैं।
& स्पीडोमीटर का कैमरा खराब है। इसे जल्द ही दुरुस्त करवाकर तेज गति से चल रहे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मांगीलाल सुमन,
यातायात पुलिस प्रभारी, बारां

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