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दुकानदारों की गलफांस बना खाद, नहीं उठा रहे किसान

कृषि अधिकारियों की देखरेख में जारी किए गए टोकनों में कई किसानों ने 10 दिन गुजर जाने के बाद भी खाद के कट्टे नहीं उठाए हैं। इससे खाद-बीज विक्रेताओं के सामने परेशानी आ खड़ी हुई है।

बारांNov 30, 2024 / 12:14 pm

mukesh gour

कृषि अधिकारियों की देखरेख में जारी किए गए टोकनों में कई किसानों ने 10 दिन गुजर जाने के बाद भी खाद के कट्टे नहीं उठाए हैं। इससे खाद-बीज विक्रेताओं के सामने परेशानी आ खड़ी हुई है।

कृषि अधिकारियों की देखरेख में जारी किए गए टोकनों में कई किसानों ने 10 दिन गुजर जाने के बाद भी खाद के कट्टे नहीं उठाए हैं। इससे खाद-बीज विक्रेताओं के सामने परेशानी आ खड़ी हुई है।

कई टोकनधारी किसानों ने अटैचमेंट की समस्या के चलते नहीं दिखाया रुझान

agriculture news : भंवरगढ़. कस्बे में गत 20 नवंबर को कस्बे में आए डीएपी खाद के 1250 कट्टे टोकन जारी करने के बाद भी किसानों ने नहीं उठाए। ऐसे मेें यह खाद दुकानदारों की गले की फांस बन गया है। कृषि अधिकारियों की देखरेख में जारी किए गए टोकनों में कई किसानों ने 10 दिन गुजर जाने के बाद भी खाद के कट्टे नहीं उठाए हैं। इससे खाद-बीज विक्रेताओं के सामने परेशानी आ खड़ी हुई है। इधर बचे हुए डीएपी खाद के कट्टो का वितरण करने की कृषि अधिकारी बार-बार दुकानदारों से बोल रहे हैं। ऐसे में दुकानदारों को भी स्टॉक निल करने में परेशानी आ रही है।
तीन डीलरों के पास आया था 1250 कट्टे डीएपी

जानकारी के अनुसार गत 20 नवम्बर को कस्बे के तीन डीलरों के यहां लगभग 1250 कट्टे डीएपी खाद के आए थे। इनको सहायक कृषि अधिकारी के निर्देश पर कृषि पर्यवेक्षकों ने 313 किसानों को चार-चार कट्टे खाद के टोकन वितरण करवाए थे। तब से अब तक काफी किसानों ने तो खाद उठा लिया। ङ्क्षकतु एक दर्जन से भी अधिक टोकन वाले किसानों ने अभी तक खाद नहीं लिया है। बचा हुआ डीएपी अन्य जरूरतमंद किसानों को वितरण नहीं हो पा रहा है। इधर कई किसानों का कहना है कि डीएपी खाद के साथ अटैचमेंट के कारण आर्थिक तंगी के चलते खाद नहीं उठा पा रहे हैं। बिना अटैचमेंट के डीएपी मिले, तब जाकर बात बने।
नहीं तो जरूरतमंद किसानों को देंगे

गत 20 नवंबर को कस्बे के तीन डीलरों के यहां आए 1250 डीएपी खाद के कट्टों के वितरण के लिए 313 किसानों को टोकन वितरण करवाए गए थे दस दिन बाद भी कई किसानों द्वारा खाद नहीं लिया है। वह शनिवार शाम तक खाद प्राप्त कर लें, नहीं लेने की स्थिति में अन्य जरूरतमंद किसानों को इसका वितरण करवाया जाएगा। डीएपी खाद के साथ कोई अटैचमेंट नहीं है। और रही सुपर फास्फेट की बात, तो यह भी डीएपी की तरह उर्वरक ही है। तत्व भी वही है, फर्क इतना सा है कि इसकी कीमत कम है। सक्रिय तत्व की मात्रा भी कम है और इसको तो राज्य सरकार भी प्राथमिकता दे रही है।
इसके अलावा कोई भी दुकानदार अटैचमेंट देता है तो लिखित में शिकायत करें। हम उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई को अंजाम देंगे, लाइनों में जारी टोकन का खाद तीन दिवस के अंदर अंदर उठाने की बोल रखा है। नहीं लेने की स्थिति में अन्य जरूरतमंद किसानों को दे दिया जाएगा।
कमल प्रकाश मीणा, सहायक कृषि अधिकारी, भंवरगढ़

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