शीतल छह माह से गर्भवती थी
बताया जा रहा है कि
बांसवाड़ा के कुशलगढ़ क्षेत्र के वसूली पाडला गांव के निवासी शैलेश की पत्नी शीतल मईड़ा कुछ समय से बीमार चल रही थी। दोनों की शादी करीब साल भर पहले हुई थी और शीतल छह माह से गर्भवती थी। उसे दौरे पड़ने के कारण घरवालों ने समझा कि भूत प्रेत है और उसे भोपा के पास झाड़ फूंक के लिए ले गए। भोपा उन्हें भूत भगाने का आश्वासन देकर झाड़ फूंक करता रहा और शीतल के पेट और गले पर लोहे की जंजीरें और ताला लगा दिया।
इसके बाद भी जब शीतल की तबीयत ठीक नहीं हुई तो उसे उसके पिता के घर खेड़िया गांव में भेज दिया गया। काफी दिनों तक वहां भी शीतल की हालत में सुधार नहीं होने पर उसे बुधवार को गंभीर अवस्था में बांसवाड़ा जिला मुख्यालय के एमजी अस्पताल में लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जहां झाड़ फूंक के चक्कर में युवती की मौत हो गई तो वही उसके गर्भ में पल रहा बच्चा भी इस दुनिया को नहीं देख पाया।
नियमित इलाज मिलता तो बच जाती जान
जांच करने वाले डॉक्टर ने बताया कि शीतल के शरीर में मात्र 7 ग्राम हीमोग्लोबिन रह गया था। नियमित इलाज मिलता तो शायद उसकी जान बच जाती। इस घटना के बाद शीतल के पिता ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। तहसीलदार ने मर्ग दर्ज करवाकर पोस्टमार्टम करवाया। अब इस मामले की जांच होगी।