bell-icon-header
बांसवाड़ा

Rajasthan Samachar : इस बात को लेकर अभिभावक और स्कूल में बढ़ी नोकझोंक, अधरझूल में 140 बालिकाओं की पढ़ाई

2022-23 से प्रारंभ इस योजना में गैरसरकारी विद्यालयों में 2021-22 से आठवीं से अध्ययनरत छात्राओं को पात्र मानते हुए लाभान्वित करना है।

बांसवाड़ाMay 11, 2024 / 12:53 pm

जमील खान

Banswara News : बालिका शिक्षा को बढ़ावे को लेकर सरकारें भले ही ढोल पीट रही हैं, लेकिन इसे लेकर शिक्षा विभाग गंभीर दिखलाई नहीं दे रहा। इसकी बानगी शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 9 से 12 तक पढ़ रही बालिकाओं के मौजूदा हाल है, जिन्हें सालभर से फीस का पैसा नहीं मिला है। इसके लिए स्कूलों के प्रबंधन से उगाही पर अभिभावकों की झिक-झिक होने लगी है। केवल बांसवाड़ा को ही लें, तो यहां इंदिरा महिला शक्ति पुनर्भरण योजना में भुगतान नहीं होने से 140 बालिकाओं पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ रहा है। स्कूल प्रबंधन अपनी जगह सही है और अभिभावक भी, ऐसे में उलझन बनी रहने से गरीब-जरूरतमंद बालिकाओं की आगे पढ़ाई और भविष्य प्रभावित होने का खतरा हो रहा है।
यों उलझ रहा पेंच
2022-23 से प्रारंभ इस योजना में गैरसरकारी विद्यालयों में 2021-22 से आठवीं से अध्ययनरत छात्राओं को पात्र मानते हुए लाभान्वित करना है। इसमें कक्षा नौ और दस के लिए निर्धारित यूनिट कॉस्ट के साथ दस फीसदी रुपए राशि दो किस्त में और कक्षा ग्यारह और बारह के लिए बालिका की निर्धारित यूनिट कॉस्ट के साथ बीस प्रतिशत फीस राशि सीधे बैंक खाते में जमा कराने और फिर उनके द्वारा खाते से स्कूल में राशि जमा कराने की व्यवस्था दी गई। फिर पेंच यह आ गया कि सरकार से पैसा बालिकाओं के खाते में आने बंद हो गए, वहीं बाकियात बनी रह गई।
अब जबकि एक सत्र खत्म हो गया। नए सत्र में प्रवेश भी हो गए, तब भी फीस नहीं भरने पर स्कूल से उगाही शुरू हुई। चूंकि बालिका आरटीई के दायरे में है, लिहाजा अभिभावक बुलाने पर माथापच्ची और बढ़ गई। खाते में फीस नहीं आने पर वे हाथ खड़े कर रहे हैं तो स्कूल प्रबंधन बिना फीस कैसे आगे की व्यवस्था देखे, इसे लेकर उलझ गए हैं। ऐसे में इनमें चल रहे विवाद का असर बालिकाओं के जहन पर पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें

Girls Education In Rajasthan: बेटियों की शिक्षा के लिए जानें इस योजना के बारे में, अनिवार्य है ये पात्रता

इनका कहना है
बालिकाओं की फीस का सालभर से पुनर्भरण नहीं होने से निजी शिक्षण संस्थान परेशान हैं। पोर्टल पर वैरिफिकेशन शो कर रहा है। अभिभावक आरटीई में पैसा नहीं आना बताकर टाल रहे हैं तो विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है। नए सेशन में प्रवेश दिए जा चुके हैं, लेकिन भुगतान नहीं होता है तो अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्थाएं करना मुश्किल रहेगा। -तरुण त्रिवेदी, जिलाध्यक्ष, निजी शिक्षण संस्था संगठन, बांसवाड़ा
ऑनलाइन सत्यापन के नाम पर एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मा
मामले पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के आरटीई प्रभाग से चर्चा पर बताया गया कि पोर्टल पर सत्यापन सात बालिकाओं का ही होने से उनके बिल बनाकर भेज चुके हैं, जबकि 131 के जन आधार व बैंक खाते से लिंक नहीं होने से वैरिफिकेशन नहीं हुआ है। स्कूलें और अभिभावक ध्यान नहीं दे रहे, जिससे भुगतान अटका है।
हालांकि विभाग ग्रीष्मावकाश के बाद पोर्टल खुलने पर सत्यापन करवाकर बालिकाओं का बीते सत्र का भी भुगतान कराने की बात कर रहा है। दूसरी ओर, निजी शिक्षण संस्थान बता रहे हैं कि पोर्टल पर वे जन आधार और बैंक खाते अपडेट कर चुके हैं। लिंक बता भी रहा है, बावजूद इसके विभागीय ढिलाई से भुगतान नहीं हो रहा और उन्हें बेवजह उलझना पड़ रहा है।
‘बालिकाओं की फीस का मामला संज्ञान में आया है। कहां एरर है, इसे दिखवाकर जल्द ही निस्तारण करवाया जाएगा।’ –मावजी खांट, सीडीईओ, माध्यमिक शिक्षा बांसवाड़ा

Hindi News / Banswara / Rajasthan Samachar : इस बात को लेकर अभिभावक और स्कूल में बढ़ी नोकझोंक, अधरझूल में 140 बालिकाओं की पढ़ाई

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.