script74 रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी, राजस्थान सरकार को 51 लाख की चपत; यों हुआ खुलासा | Irregularities in 74 registrations, Rajasthan government loses Rs 51 lakh; this is how it was revealed | Patrika News
बांसवाड़ा

74 रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी, राजस्थान सरकार को 51 लाख की चपत; यों हुआ खुलासा

गत 24 मई को गढ़ी तहसीलदार जैन पर पद का दुरुपयोग कर भगोरा गांव की जमीन की गलत रजिस्ट्री कर राजस्व का नुकसान करने की गोपनीय शिकायत पर कलक्टर ने एसडीओ बागीदौरा को जांच के निर्देश दिए।

बांसवाड़ाDec 08, 2024 / 04:34 pm

Santosh Trivedi

rajasthan land

प्रतीकात्मक तस्वीर

पत्रिका न्यूज नेटवर्क/बांसवाड़ा। जिले के गढ़ी तहसील क्षेत्र में नियमों को नजरअंदाज कर जमीनों के पंजीयन में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां सामने आई हैं। तहसीलदार की मेहरबानी और सौदेबाजों की मिलीभगत से 74 रजिस्ट्रियों में स्टाम्प ड्यूटी की हेराफेरी कर सरकार को 51 लाख रुपए की चपत लगाई गई। ताज्जुब यह कि मौजूदा तहसीलदार भगवतीलाल जैन के यहां पदस्थापन को 11 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और बतौर उपपंजीयक शुरुआती पांच माह में ही यह खेला सामने आया है। इसकी जांच रिपोर्ट अगस्त में महानिरीक्षक, पंजीयन एवं मुद्रांक, अजमेर को भी भेजी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

1041 पंजीयन केस की फाइलों की रेंडम जांच

गत 24 मई को गढ़ी तहसीलदार जैन पर पद का दुरुपयोग कर भगोरा गांव की जमीन की गलत रजिस्ट्री कर राजस्व का नुकसान करने की गोपनीय शिकायत पर कलक्टर ने एसडीओ बागीदौरा को जांच के निर्देश दिए। इस जांच में 5 मार्च, 2024 को हुए पंजीयन में सरकार को छह लाख के राजस्व हानि का पता चला। ऐसे अन्य पंजीयन दस्तावेजों में अनियमितता की आशंका पर जुलाई में प्रभारी भू अभिलेख एवं उपखंड अधिकारी बांसवाड़ा के नेतृत्व की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। इस टीम ने जैन के 23 फरवरी,24 से 18 जुलाई,24 तक पांच तक के शुरुआती कार्यकाल में हुए 1041 पंजीयन केस की फाइलों की रेंडम जांच की, तो इतने में ही 74 दस्तावेजों में अनियमितताएं सामने आई।

स्टांप ड्यूटी बचाने का हुआ खेला

संदिग्ध फाइलों की गड़बडिय़ों पर दोबारा गौरकर गणना की गई तो मालूम हुआ कि 74 रजिस्ट्रियों में नियमानुसार कुल 83 लाख 81 हजार 135 रुपए वसूले जाने जाने थे, लेकिन स्टांप ड्यूटी 31 लाख 5 हजार 650 रुपए ही वसूली गई। इससे सरकार को 51 लाख 62 हजार 245 रुपए का फटका लगा।
इन पैंतरों से हुई स्टाम्प ड्यूटी घटाने की चतुराई
-अधिकांश विक्रय विलेख में जोन डीएलसी दरकिनार कर राजस्व ग्राम की दर से स्टाम्प लगाए गए, तब भी पंजीयन हो गया।
-तहसील क्षेत्र के लिए मुख्य सड़क से निर्धारित डीएलसी की ज्यादा होने के बावजूद सडक़ से दूरी बताकर कम स्टाम्प पर रजिस्ट्रियां कर दी गईं।
-सिंचित-असिंचित भूमि के खसरा गिरदावरी दस्तावेज लिए बिना असिंचित बताते हुए न्यून डीएलसी दर से पंजीयन।
  • भूमि के वाणिज्यिक इस्तेमाल के बावजूद आवासीय दर से दस्तावेजों का निष्पादन।
    -खसरा नंबर तक नहीं होने और कई पट्टे समयावधि पार होने के बावजूद नजरअंदाज कर पंजीयन।
    -कई दस्तावेजों में न मौके के त्रिआयामी फोटो, न मालियात का सही निर्धारण, फिर भी कर दिए पंजीयन।

इनका कहना है…

गढ़ी तहसीलदार के खिलाफ शिकायत पर जांच करवाई थी। प्रारंभिक जांच में लाखों की राजस्व हानि सामने आने पर मामला स्टाम्प से जुड़ा होने से आईजी, स्टाम्प अजमेर भेजा गया। जिला प्रशासन स्तर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए गढ़ी तहसीलदार को नोटिस भेजा था। मामले में अग्रिम कार्रवाई आईजी स्टाम्प के स्तर से होगी।
डॉ. इंद्रजीत यादव, कलक्टर बांसवाड़ा

कार्रवाई की जाएगी


स्पेशल ऑडिट के लिए टीम हाल ही बांसवाड़ा भेजी थी। उसकी रिपोर्ट देखकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
-आशीष गुप्ता, आईजी, पंजीयन एवं मुद्रांक अजमेर

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