सदस्यों ने खाली बर्तन दिखाकर यह संदेश दिया कि बजट में कर्नाटक को कुछ नहीं मिला है और अपने गुस्से को व्यक्त करने के लिए तख्तियां भी थामे हुए थे। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पुष्पा अमरनाथ ने कहा कि भाजपा और जद-एस के 19 सांसद हैं और उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कर्नाटक के प्रति दिखाई गई उदासीनता के लिए शर्म से सिर झुका लेना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह का घटिया व्यवहार अन्य राज्यों के साथ भी किया गया है जो सत्तारूढ़ एनडीए ब्लॉक का हिस्सा नहीं हैं, जबकि बिहार और आंध्र प्रदेश को सबसे ज्यादा हिस्सा मिला है।
उन्होंनेे कहा कि कर्नाटक के लोग अधिक कर देते हैं लेकिन बजट में उन्हें कुछ नहीं मिलता और यह राज्य के हितों के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि राज्य के एनडीए सांसदों को विरोध स्वरूप इस्तीफा दे देना चाहिए और केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी पर राज्य के लोगों के लिए आवाज उठाने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करनी चाहिए और राज्य के लिए नई परियोजनाएं और बजटीय आवंटन मंजूर करवाना चाहिए।
इस बीच, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एम. लक्ष्मण ने संवाददाता सम्मेलन में आम बजट में कर्नाटक की अनदेखी करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने मोदी सरकार पर पिछले 10 सालों से वित्तीय कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया।